
- मैंने अपनी पारी को टुकड़ों में बांट कर मैच के मिजाज के मुताबिक बल्लेबाजी कर आगे बढ़ाया
- शुभमन बेहद शास्त्रीय बल्लेबाज हैं और मैदान पर किसी भी स्थिति से घबराते नहीं
- हम समग्र रूप से बतौर खिलाड़ी और टीम बेहतर होना चाहते हैं
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के कप्तान रोहित शर्मा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले कटक के बाराबती स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन डे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अपने चिर परिचित आक्रामक अंदाज में तूफानी शतक जड़ रंग में लौट आए। कप्तान रोहित के वन डे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 32 वें तूफानी शतक और उनके सलामी जोड़ीदार उपकप्तान शुभमन गिल के बेहतरीन अर्द्धशतक के साथ इन दोनों की पहले विकेट की 136 रन की भागीदारी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड द्वारा जीत के लिए रखे 304 रन के पहाड़ के से लक्ष्य को 33 गेंद के बाकी रहते मात्र छह विकेट खोकर हासिल कर तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सीरीज लगातार दूसरी जीत के साथ 2-0 की बढ़त के साथ जीत ली।
भारत की जीत के दूसरे वन डे में मैन ऑफ द’मैच रहे कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘मैदान पर उतर कर अपनी टीम के लिए रन बनाने का मैंने वाकई लुत्फ उठाया। हमारे लिए कटक में दूसरा वन डे मैच बेहद अहम था क्योंकि सीरीज दांव पर थी। मैंने अपनी पारी को टुकड़ों में बांट कर मैच के मिजाज के मुताबिक बल्लेबाजी कर आगे बढ़ाया। वन डे क्रिकेट प्रारूप के लिहाज से टी 20 क्रिकेट से कुछ बड़ा और टेस्ट क्रिकेट से बहुत छोटा है और इसीलिए मैं अपनी पारी को दूसरे वन डे में टुकड़ों में बांट कर बराबर उसका आकलन कर आगे बढ़ना चाहता था। एक बल्लेबाज के लिए जरूरी था कि जमने के बाद वह लंबी पारी खेले। मेरा फोकस ज्यादा से ज्यादा वक्त क्रीज पर बिता कर लंबी पारी खेलने पर था। पिच को देखते हुए जब आप काली मिट्टी पर खेलते हैं इस पर गेंद इस पर थोड़ा फिसलती हुई आती है और आपको इस पर शुरू में बल्लेबाजी करते हुए अपने बल्ले का मुंह कुछ खोलना पड़ता है। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने हमारे शरीर और विकेटों को निशाना बना गेंदबाजी की और मैंने इसी के मुताबिक योजना बना कर क्षेत्ररक्षकों के बीच से गेंद को निकाल कर रन बनाए। क्रीज पर मेरे सलामी जोड़ीदार शुभमन गिल के साथ श्रेयस अय्यर ने मेरा पूरी तरह साथ निभाया। शुभमन गिल के साथ बल्लेबाजी का मैंने भरपूर लुत्फ उठाया। शुभमन बेहद शास्त्रीय बल्लेबाज हैं और मैदान पर किसी भी स्थिति से घबराते और हड़बड़ाते नहीं है और उनके आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। पारी में बीच के ओवर बेहद अहम होते हैं और इन्हीं ओवर में मैच किसी भी टीम की ओर मुड़ सकता है। यदि आप बीच के ओवर में कसी हुई गेंदबाजी करते हैं तो आपको आखिरी के मारधाड़ वाले ओवरों की बाबत चिंता करने की जरूरत नही होती है। नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच में भी बीच के ओवर बेहद अहम थे और हमने इन्हीं ओवर में इंग्लैंड को बांधा और विकेट भी चटकाए । जब आप बराबर विकेट चटकाते हैं तो तब रन बनाना आसान नहीं होता है। हम आगे भी बराबर और बेहतर होना चाहते हैं। हम किसी एक खास चीज पर तवज्जो दे उसे बेहतर करने पर नही बल्कि हम समग्र रूप से बतौर खिलाड़ी और टीम बेहतर होना चाहते हैं। हम ऐसा ही करने को प्रतिबद्ब हैं। जब तक हमारी टीम के खिलाड़ियों को यह मालूम है कि उन्हें क्या करना है और वे यदि ऐसा करता रहेंगे तो फिर बहुत सोचने की जरूरत नहीं है।’
रोहित भाई का तेज गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी करना वाकई दर्शनीय : शुभमन
भारत के उपकप्तान शुभमन गिल ने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतारा तो बहुत बढ़िया महसूस कर रहा था। रोहित के साथ बल्लेबाजी करने में बहुत मजा आता है। रोहित भाई ने रविवार को इंग्लैंडके गेंदबाजो को जमकर निशाना बनाया। रोहित भाई बीते कई बरसों से वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत के लिए इसी अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं। रोहित भाई ने जिस अंदाज में इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी की वह वाकई दर्शनीय थी। कटक की पिच बल्लेबाजी के लिए बढ़िया थी कुछेक गेंदें नीची और घिसट कर आ रही थी। मेरे और रोहित भाई के बीच क्रीज पर बस यही बात हुई कि गेंद को देख कर बस उसी के मुताबिक खेले एक बार जमने के बाद उन पर हावी हुआ जाए।’
भारत के लिए कप्तान रोहित ने एक और बेहतरीन पारी खेली : बटलर
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कहा,‘ जब हम बल्लेबाजी के लिए उतरे तो हम अच्छी स्थिति में थे। मेरा मानना हमारे लिए हममें से कुछ और आक्रामक बल्लेबाजी कर स्कोार को 350 रन तक ले जाने की जरूरत थी। भारत के लिए कप्तान रोहित ने एक और बेहतरीन पारी खेली। रोहित भारत के लिए वन डे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी समय से बराबर ऐसी ही बेहतरीन पारियां खेल रहे हैं। बेशक कटक की पिच पर गेंद कई बार तेजी से फिसल कर आई और हमने अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन भारत के बल्लेबाजों ने भी बढ़िया बल्लेबाजी की। हमने 330- 350 रन बनाने की कोशिश और यह संभवत: ऐसा स्कोर हो सकता था,जिसका हम बचाव कर सकते थे। हम बस सही दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि नतीजे हमारे हक में नहीं आए लेकिन हमें बराबर जरूरत सही दिशा में बढ़ने की है।