रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के हॉस्पिटल की झोली में एक ओर उपलब्धि आ गई है। नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स-एनएबीएच ने अपने मानकों पर तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को ख़रा पाया है। एनएबीएच ने क्वालिटी एक्रिडिटेशन का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। यह मान्यता टीएमयू हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हॉस्पिटल की ओर से रोगियों की देखभाल के लिए डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन्स का सख्ती से पालन होता है। एनएबीएच की टीम ने टीएमयू हॉस्पिटल का सघन दौरा किया था, जिसमें हॉस्पिटल की तीस से अधिक विभागों को स्कोप ऑफ सर्विस में मानकों पर श्रेष्ठ पाया है। 2005 में स्थापित एनएबीएच क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया-क्यूसीआई का एक घटक बोर्ड है, जिसे स्वास्थ्य संगठनों के लिए मान्यता कार्यक्रम स्थापित करने और संचालित करने के लिए स्थापित किया गया है। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन कहते हैं, क्वालिटी एक्रिडिटेशन यह प्रमाण दर्शाता है कि पेशेंट्स के लिए टीएमयू विश्वसनीयता का प्रतीक है। उन्होंने उम्मीद जताई, तीर्थंकर महावीर अस्पताल के लिए एनएबीएच की गुणवत्ता मान्यता इसकी विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगी।
उल्लेखनीय है, टीएमयू हॉस्पिटल 900 से अधिक बेड्स वाला एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान है। एनएबीएच की इस मान्यता का अर्थ है कि टीएमयू पेशेंट्स केयर के संग-संग स्वास्थ्य देखभाल के सभी पहलुओं के प्रति बेहद संजीदा है। एनएबीएच की टीम ने अपने मुआयने में पाया, मरीज़ों और तीमारदारों को भरोसा है कि टीएमयू में शीर्ष स्तर की चिकित्सा, उपचार और व्यक्तिगत देखभाल मिलती है। एनएबीएच मान्यता यह दर्शाती है कि टीएमयू अपनी स्वास्थ्य सेवा में रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को लागू करता है। रोगियों के प्रवेश से लेकर डिस्चार्ज तक, दवाई की त्रुटियों, संक्रमण और दीगर प्रतिकूल घटनाओं को रोकने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और पेशेंट्स के बीच बेहतर समन्वय माना जाता है। हॉस्पिटल का प्रंबंधन तंत्र नियमित ऑडिट, फीडबैक तंत्र और प्रदर्शन मूल्यांकन के माध्यम से सुधार क्षेत्रों की पहचान करता है। एनएबीएच भारत की गुणवत्ता परिषद का घटक है, जो स्वास्थ्य संगठनों के लिए मान्यता कार्यक्रम स्थापित और संचालित करता है। एनएबीएच का मिशन स्वयं और बाहरी मूल्यांकन की प्रक्रिया के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाले हितधारकों के सहयोग से मान्यता और संबद्ध कार्यक्रम संचालित करना है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं की मान्यता, नर्सिंग उत्कृष्टता, प्रयोगशाला प्रमाणन कार्यक्रम तक ही सीमित नहीं, बल्कि विभिन्न गतिविधियों जैसे गुणवत्ता संवर्धन पहल, सार्वजनिक व्याख्यान, विज्ञापन, कार्यशालाएं, सेमिनार, गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा, मान्यता, बेचान के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण विभिन्न स्वास्थ्य गुणवत्ता पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं का संचालन करना भी है। भारत में केवल 173 अस्पतालों में एनएबीएच मान्यता है और 521 इसके लिए काम कर रहे हैं। 49 ब्लड बैंकों और केवल 2 डेंटल अस्पतालों ने यह पहचान हासिल की है।