नागा साधुओं ने दिलाया भारत को वैश्विक सम्मान, महाकुंभ 2025 में स्वास्थ्य पहल के लिए फ्रांस में मिला सम्मान

Naga Sadhus brought global honour to India, honoured in France for health initiative during Maha Kumbh 2025

रविवार दिल्ली नेटवर्क

मुंबई : पूज्य नागा साधुओं ने ‘नागा सन्त नेत्र परीक्षण’ (Naga Saint Eye Test) के माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह एक प्रभावशाली जनस्वास्थ्य अभियान था, जिसे फ्रांस में आयोजित कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी 2025 में हेल्थ एंड वेलनेस कैटेगरी में सिल्वर लायन पुरस्कार से नवाज़ा गया। यह पहल गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) और आईबेट्स फाउंडेशन के सहयोग से चलाई गई, जो डायबिटीज और रोकी जा सकने वाली अंधता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यरत एक सामाजिक संस्था है।

भारत में लगभग 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिनमें से 60% लोगों को यह पता ही नहीं होता। डायबिटीज, रोकी जा सकने वाली अंधता का प्रमुख कारण भी है। गोदरेज क्रिएटिव लैब द्वारा विकसित ‘नागा संत नेत्र परीक्षण’ अभियान इस गंभीर समस्या को सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव वाले और साहसी तरीके से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश थी।

इस अभियान में नागा साधुओं के आध्यात्मिक प्रभाव और उनकी मौजूदगी का उपयोग करते हुए उन्हें “जीवित नेत्र परीक्षण चार्ट” की तरह प्रस्तुत किया गया। उनके शरीर पर देवनागरी लिपि में मोटे हिंदी अक्षर लिखे गए थे। जो लोग इन अक्षरों को पढ़ नहीं पाए, उन्हें मुफ्त नेत्र परीक्षण शिविर की ओर भेजा गया। यह पहल प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के त्रिवेणी संगम स्थल पर महाकुंभ 2025 के दौरान आयोजित की गई थी।

गोदरेज क्रिएटिव लैब की ग्लोबल हैड स्वाति भट्टाचार्य ने कहा, “सबसे जटिल मानवीय समस्याओं के सबसे सरल समाधान हो सकते हैं। जब नागा साधु समुदाय ने हमारी बात मानी, वहीं से हमारी जीत शुरू हो गई थी। अब यह जीत आईबेट्स फाउंडेशन को वैश्विक पहचान दिलाएगी। हमारी सोच दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले से निकलकर, दुनिया के सबसे बड़े रचनात्मक मंच तक पहुंच गई है।”

आईबेट्स फाउंडेशन के फाउंडर डॉ. निशांत कुमार ने कहा, “डायबिटीज के कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली अंधता मेरे दिल के बेहद करीब का विषय है। गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स और गोदरेज क्रिएटिव लैब के साथ मिलकर, हमने इस संदेश को केवल जागरूकता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे ज़मीन पर प्रभावशाली कार्य में बदला। नागा साधुओं को जीवित नेत्र चार्ट के रूप में प्रस्तुत करना लोगों की कल्पना और भावनाओं को छू गया। कान्स में मिला यह पुरस्कार इस नवाचार की वैश्विक मान्यता है, जो जीवन और दृष्टि दोनों को बचा रहा है।”

600 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच और 4 लाख से अधिक नेत्र परीक्षणों के साथ, ‘नागा सन्त नेत्र परीक्षण’ महाकुंभ 2025 की सबसे बड़ी जनस्वास्थ्य पहलों में से एक बन गया। परंपरा और आस्था को आधार बनाकर, गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और आईबेट्स फाउंडेशन ने इस गम्भीर स्वास्थ्य समस्या को सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन में उठाया—एक ऐसा प्रयास जिसने लोगों के दिल और नज़र, दोनों को छू लिया।