दीपक कुमार त्यागी
- मानवता की रक्षा के लिये सम्पूर्ण विश्व का वैचारिक नेतृत्व करने के लिये आगे आये सनातन धर्माचार्य – महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
- सारी विफलताओ, निराशाओं और विश्वासघात से उबर कर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज “विश्व धर्म संसद” के लिये पूर्ण कटिबद्ध होकर एक बार पुनः संत समाज की शरण मे उपस्थित हुए
- “विश्व धर्म संसद” के महान आयोजन लिए सनातन धर्म के देश के सभी प्रमुख धर्मगुरुओ से भिक्षा मांगेंगे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज
हरिद्वार : हरिद्वार में माँ गंगा मैया के तट पर आज मालवीय घाट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर विश्व प्रसिद्ध संत यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने शिवशक्ति धाम डासना में 17,18,19, 20 और 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली “विश्व धर्म संसद” के लिये सभी सनातन धर्मगुरुओ से आशीर्वाद, मार्गदर्शन और सहयोग करने का आह्वान किया।
पत्रकार वार्ता में उनके साथ श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक व राष्ट्रीय प्रवक्ता व सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित पवन कृष्ण शास्त्री व “विश्व धर्म संसद” की मुख्य संयोजक डॉ उदिता त्यागी भी उपस्थित थी।
पत्रकार वार्ता में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंचो से इस्लामिक जिहाद और बढ़ते मुस्लिम जनसंख्या अनुपात की चर्चा कर रहे हैं, तो हम सभी हिन्दुओ को समझ जाना चाहिये कि स्थिति कितनी भयानक है। जो बातें आज प्रधानमंत्री कर रहे हैं, उन्ही बातों को कहने के लिये हमें कितनी मानसिक प्रताड़ना, धमकी, जेल और मुक़दमों को झेलना पड़ा है। परन्तु ये माँ और महादेव की कृपा है कि अब ये बाते स्वयं भारत के प्रधानमंत्री सार्वजनिक मंचो से बोल रहे हैं। उन्होंने सन्त समाज का आह्वान करते हुए कहा कि अब सन्त समाज को स्थिति की गम्भीरता को समझ लेना चाहिये और इस्लामिक जिहाद से मानवता की रक्षा करने हेतु सम्पूर्ण विश्व का वैचारिक नेतृत्व करना चाहिये। संत समाज धर्म रक्षा को राजनेताओं पर छोड़कर धर्म के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहा है। अगर विश्व से सनातन धर्म मिटा तो इसके जिम्मेदार नेताओं से ज्यादा सनातन के धर्मगुरु होंगे क्योंकि धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी नेताओं से ज्यादा धर्मगुरुओ की होती है। वैसे भी धर्मरक्षा के लिये समाज को प्रेरित करना धर्मगुरुओं की जिम्मेदारी है, नेताओं की नहीं। यदि संत समाज सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा की जिम्मेदारी को समझते हुए “विश्व धर्म संसद” में उचित सहयोग करता है तो सम्पूर्ण विश्व का इतिहास एक नई करवट लेगा। इस महान आयोजन के लिये वो सनातन के सभी प्रमुख सन्तों से आशीर्वाद, मार्गदर्शन और सहयोग की भिक्षा मांगेंगे।
प्रेस वार्ता में “विश्व धर्म संसद” की मुख्य संयोजक डॉक्टर उदिता त्यागी ने कहा कि आज हिन्दू समाज बिल्कुल अनाथ है। आज हिन्दुओं में बहुत बुरी तरह असुरक्षा और अकेलापन घर कर गया है। आज हिन्दू को इस असुरक्षा और अकेलेपन से निकालने के लिये सनातन के धर्मगुरुओ को भागीरथ प्रयत्न करना चाहिये। “विश्व धर्म संसद” इसके लिये होने वाला एक सटीक और प्रभावी प्रयास है। “विश्व धर्म संसद” ना केवल हम हिन्दुओ बल्कि सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का मार्ग खोज सकता है। आज सभी सनातन धर्म के धर्मगुरुओ को विश्व धर्म संसद को मजबूत करना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि जिहाद की विभीषिका को न समझने के कारण ही आज सम्पूर्ण मानवता विनाश की ओर तेजी से जा रही है। हम सनातन धर्म के मानने वाले इस्लामिक जिहाद के सबसे निरीह शिकार रहे हैं। इतने अवर्णनीय अत्याचारों के बाद भी हम विश्व को अपनी पीड़ा बता नहीं पाए, जिसके कारण सम्पूर्ण विश्व इस्लामिक ज़िहाद को समझने में असफल हो गया। आज समय आ चुका है कि हम अपनी गलतियों को सुधारते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपने साथ हो रहे अन्याय और अत्याचारों की सच्चाई से अवगत कराए और सम्पूर्ण विनाश को वैचारिक रूप से संघर्ष के लिये तैयार करें। हम “विश्व धर्म संसद” के माध्यम से अपनी यह जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
प्रेस वार्ता में पंडित अधीर कौशिक ने “विश्व धर्म संसद” को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन देते हुए कहा कि यह धर्म की लड़ाई है। हम सभी हिंदुओ को इसे महायज्ञ के रूप में स्वीकार करना चाहिए। इस महायज्ञ में श्रीअखंड परशुराम अखाड़ा की आहुति सदैव ही लगेगी। हम हमेशा धर्म की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और हर कीमत पर धर्म की रक्षा करेंगे।
प्रेस वार्ता में कुलदीप शर्मा, विनोद कुमार, विवेक नागर तथा अन्य गणमान्य भक्त उपस्थित थे।
पत्रकार वार्ता से पहले सभी ने माँ गंगा की विधिवत पूजा अर्चना करके विश्व धर्म संसद के निर्विघ्न सम्पन्न होने की प्रार्थना की।