‘नेशनल हेराल्ड’ घाेटाला मामला : राहुल हाजिर हाे गए,साेनिया गांधी 23 जून काे हाजिर हाें

संदीप ठाकुर

एक पुराने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष
व सांसद राहुल गांधी से विगत तीन दिनाें से पूछताछ कर रहा है और कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी को हाजि़र होने का समन भेज रखा है। इस समन में
श्रीमती गांधी काे 23 जून काे पेश हाेने काे कहा गया है। उनकी तबियत काे
देखते हुए तिथि में फेर बदल हाेना करीब करीब तय माना जा रहा है। राहुल
काे पूछताछ के लिए बुलाने पर कांग्रेसियाें ने देश भर में बबाल काट रखा
है। श्रीमति गांधी के पेश हाेने पर क्या हाेगा ? खैर यह ताे एक कानूनी
प्रक्रिया है। सरकारी एजेंसी काे सहयाेग ताे करना ही हाेगा।

पूछताछ में राहुल गांधी से क्या क्या सवाल किए गए,निश्चित ताैर पर किसी
काे कुछ नहीं पता। मीडिया में जाे कुछ आ रहा है वह सब अनुमानाें पर
आधारित है। आखिर ये माजरा है क्या ? मामला कांग्रेस के अखबार ‘नेशनल
हेराल्ड’ से जुड़ा है। इस अख़बार की कंपनी 1937-38 में बनाई गई थी। भारत
स्वतंत्र हुआ और सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बने।
उन्होंने जो प्लॉट एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के नाम औने-पौने दाम पर
आवंटित कराई थी, उसकी आज कीमत 500 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। मालिकाना
हक गांधी परिवार का है। गांधी परिवार पर कई गंभीर आरोप हैं और इसी केस
में मां-बेटा जमानत पर हैं। ईडी मनी लांड्रिंग के संदर्भ में अपनी जांच
को एक निश्चित निष्कर्ष तक ले जाना चाहता है। गांधी परिवार तो क्या, देश
के प्रधानमंत्री भी कानून और जांच के दायरे में हैं। प्रधानमंत्री रहते
हुए पीवी नरसिंह राव से जांच एजेंसियों ने पूछताछ की थी, बल्कि एक अदालत
ने तो उन्हें ‘अभियुक्त’ तक करार दे दिया था। मुख्यमंत्री पद पर आसीन
नरेंद्र मोदी से विशेष जांच दल ने करीब 16-17 घंटे तक पूछताछ की थी।
कांग्रेसियाें का आराेप है कि पूछताछ हाे काेई दिक्कत नहीं लेकिन यहां
माेदी सरकार जांच एजेसिंयाें का बेजा इस्तेमाल कर रही है।

इस मामले में ईडी ने राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को तलब करके भी पूछताछ की थी।
मामला ‘नेशनल हेराल्ड’ की मूल कंपनी एजेएल को ‘यंग इंडियन प्रा. लिमि.’
में बदलने का है। 23 नवम्बर, 2010 को बनाई गई नई कंपनी में सोनिया-राहुल
गांधी की हिस्सेदारी 38-38 फीसदी की है। शेष हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और
ऑस्कर फर्नांडीज के नाम है, जो आज दिवंगत हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री
रहते हुड्डा ने पंचकूला में जो प्लॉट एजेएल को आवंटित किया था, उसकी
बाज़ार कीमत करीब 65 करोड़ रुपए आंकी गई है। ईडी ने उस प्लॉट को 3
दिसंबर, 2018 को जब्त कर लिया था। दरअसल बुनियादी सवाल यह है कि एजेएल को
‘यंग इंडियन’ का हिस्सा कैसे बनाया गया? एजेएल के 9 करोड़ शेयर गांधी
परिवार को कैसे दिए गए? कांग्रेस पार्टी ने अपने कोष में से ‘नेशनल
हेराल्ड’ को 90 करोड़ रुपए का कर्ज़ कैसे दिया और फिर उसे माफ कैसे किया
गया?

आज ‘नेशनल हेराल्ड’ की संपत्ति पर गांधी परिवार का मालिकाना हक किस आधार
पर है? इन संपदाओं की बाजार भाव से कीमत 2000-5000 करोड़ रुपए के बीच
आंकी जा रही है। कुछ आकलन ऐसे हैं कि ये संपत्तियां 800 करोड़ रुपए की
हैं। कीमत कितनी भी हो, लेकिन बेशकीमती संपदाएं हैं। बेशक ‘यंग इंडियन’
कंपनी धारा 25 के तहत ‘गैर-लाभकारी’ है। उसके हिस्सेदार अवैतनिक हैं, कोई
भी पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता और हिस्सेदार लाभांश नहीं ले सकते।
संपदाए एक इंच भी सरकाई नहीं जा सकतीं। यह कांग्रेस के पैरोकार वकीलों का
दावा है। एक सहज सवाल है कि ‘नेशनल हेराल्ड’ भवन में जिन दफ्तरों का
किराया आता है, वह किस खाते में जाता है? ईडी ऐसे ही कई सवालाें के जवाब
गांधी परिवार से जानना चाहता है। सनद रहे कि सोनिया गांधी दिल्ली उच्च
न्यायालय और सर्वोच्च अदालत की चौखट खटखटा चुकी हैं, लेकिन अदालतों ने
केस गंभीर आपराधिक बताया और निरस्त करने से इंकार कर दिया।