संजय सक्सेना
उत्तर भारत बुरी तरह से तप रहा है। ज्येष्ठ मास की गर्मी से एक तरफ हाहाकार मचा हुआ है,वहीं दूसरी तरफ 25 मई से नौपता का प्रकोप भी सामने खड़ा नजर आ रहा है। बता दें हर साल ज्येष्ठ माह में नौ दिन ऐसे होते हैं, जिसमें भीषण गर्मी पड़ती है, इन्हें नौतपा के नाम से जाना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, 25 मई से नौतपा शुरू होंगे और दो जून तक रहेंगे। गर्मी के लिहाज से ये नौ दिन बेहद खतरनाक होते हैं। ज्येष्ठ महीने की शुरुआत में सूर्य देव कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, इसके साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार सूर्यदेव 25 मई को सुबह 3 बजकर 16 बजे पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और उसके बाद दो जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा की अवधि 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहेगी। नौ तपा में सूर्य से धरती तपने लगती है, सूर्य आग उगलते प्रतीत होते हैं और जल स्वतः खौलने लगता है। ज्योतिषी पंचांग नौ तपा के दौरान इस बार भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे रहे तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
जयोतिष शास्त्र कहता है सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने का प्रभाव ज्योतिष गणना के मुताबिक शनि की वक्री चाल के चलते नौतपा खूब तपेगा। हालांकि नौतपा के आखिरी दो दिनों के भीतर आंधी तूफान व बारिश होने की संभावना रहेगी। जयोतिष शास्त्र के साथ वैज्ञानिकों के मुताबिक भी मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है। उस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, इसलिए गर्मी इन दिनों में सबसे ज्यादा गर्मी होती है। नौतपा के दौरान पेड़-पौधे लगाने से बहुत पुण्य मिलता है। पेड़-पौधे लगाने के साथ ही इसकी सिंचाई भी करें। इन दिनों में पेड़-पौधों में जल डालने से पितृ प्रसन्न होते हैं और इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्कंद पुराण के अनुसार नौतपा में गरीब और जरूरतमंदों में ऐसी चीजों का दान करें, जो गर्मी से राहत देती हो. इस समय आप अन्न, जल, सत्तू, पंखा, घड़ा, मौसमी फल, वस्त्र, छाता और जूते-चप्पलों का दान कर सकते हैं.