रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुंबई: लोकसभा चुनाव के बाद 24 और 25 जून को हुआ सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह चर्चा का विषय बन गया। महाराष्ट्र के कुछ सांसदों ने मराठी में तो कुछ ने हिंदी में शपथ ली और नीलेश लंके द्वारा ली गई अंग्रेजी शपथ की भी खूब चर्चा हुई। लेकिन इस सबके बीच हैदराबाद से सांसद चुने गए एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी की शपथ विवाद का मुद्दा बन गई। पूर्व सांसद नवनीत राणा भी आक्रामक हुई हैं। नवनीत राणा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
लोकसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन असदुद्दीन ओवैसी ने सांसद पद की शपथ ली। संसद में अपने शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। प्रोटेम स्पीकर ने असदुद्दीन ओवैसी को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए बुलाया। बिस्मिल्लाह पढ़कर औवेसी ने सांसद पद की शपथ ली। सांसद के रूप में शपथ लेते समय उन्होंने ‘जय भीम, जय तेलंगाना’ और बाद में ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। इसके बाद बीजेपी सांसदों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया। तो वहीं सोशल मीडिया पर उनकी शपथ की आलोचना भी हुई।
अब इस मामले में नवनीत राणा ने भी सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में राणा ने असदुद्दीन ओवैसी के नारे जय फिलिस्तीन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102/103 के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। पद और गोपनीयता की शपथ लेते समय औवेसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाते हुए अपनी शपथ पूरी की थी। इसलिए यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक मामला है और राणा ने पत्र में आरोप लगाया है कि उन्होंने शपथ लेते समय भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है।