अकादमियां अपना ड्रैग फ्लिकिंग और गोलरक्षण में सुधार पर ध्यान लगाएं
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने हॉकी इंडिया की सभी सदस्य इकाइयों को लिखा कि आज के जमाने की हॉकी में विशेषज्ञ ड्रैग फ्लिकर और गोलरक्षकं बेहद अहम है। अपने जमाने के बेहतरीन और मुस्तैद फुलबैक भारत के लिए सबसे ज्यादा 412 हॉकी मैच खेलने वाले दिलीप टिर्की पेनल्टी कॉर्नर पर अपनी दमदार हिट से गोल करने से खासे ख्यात रहे।
दिलीप टिर्की ने कहा, ‘ नौजवान ड्रैग फ्लिकरों और गोलरक्षकों का बड़ा पूल बनाने की जरूरत है। मेरा अकादमियों से आग्रह है कि वे अपना ध्यान ड्रैग फ्लिकिंग और गोलरक्षण में सुधार पर ध्यान लगाएं। जूनियर स्तर पर ड्रैग फ्लिकरों और गोलरक्षकों को अपना कौशल बहुत बेहतर करने की जरूरत है। आज जरूरत सभी हॉकी अकादमियों में ड्रैग फ्लिकरों और गोलरक्षकों के लिए खास प्रशिक्षण की है। ।हॉकी इंडिया ने हॉकी अकादमियों और स्पोटर्स हॉस्टलों के सहयोग से छोटी उम्र में प्रतिभाओं को तलाश कर राष्टï्रीय कार्यक्रम के लिए उन्हें चुनने और प्रशिक्षित करने में सहयोग की योजना बनाई है।’
उन्होंने कहा, ‘ड्रैग फ्लिक लगाने की तकनीक आज की जमाने की हॉकी के सबसे रोमांचक पहलुओं में से एक है। पेनल्टी कॉर्नर पर पूरे तालमेल के साथ ड्रैग फ्लिकर फ्लिक पर गेंद का गोली की रफ्तार से रक्षापंक्ति की दीवार को भेद कर गोल में डालना हॉकी को रोमांचक बना देता है। इसी तरह टीम में आज पूरी तरह प्रशिक्षित और चौकस गोलरक्षक भी अहम हो गए हैं। भारत की अंतर्राष्टï्रीय हॉकी में हाल ही की कामयाबियों में उसकी पुरुष टीम के गोलरक्षक पीआर श्रीजेश और महिला टीम की गोलरक्षक सविता पूनिया का अपनी भूमिका पूरे पेशेवर अंदाज से निभाने में अहम योगदान रहा है।’