अपने नेता की कभी बुराई मत करो

Never say bad things about your leader

प्रभाकर मिश्रा

पूर्वांचल में बड़े-बड़े ब्राह्मण, ठाकुर, यादव, राजभर, राय साहब लोग तमाम माफिया हैं ! लेकिन जब 2006 में मुख्तार अंसारी मऊ में सभी जाति के हिन्दुओं को घूम घूम कर कटवा रहा था, सबकी दुकान जलवा रहा था, तो किसी के मुंह से चूं तक नहीं निकला ! निकलता भी कैसे ? क्युंकि सबके तार कहीं ना कहीं मुख्तार से जुड़े थे ! मुख्तार के सामने ना किसी को ब्राह्मणवाद याद आता था ना किसी को ठाकुरवाद, ना अहीरवाद न दलित वाद, सिर्फ़ सब भाई की गुलाम थे ! सबकी ज़मीनों पे कब्ज़ा कर चुका है, कई घरों को उजाड़ चुका है ! मैंने सुना है वहां एक ठाकुर साहब जो पूर्वांचल के बड़े नेता हैं, उनको डेढ़ घंटा अपने घर में मुर्गा बना कर रखा था मुख्तार अंसारी ने, मैंने सुना है, कि विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करवाकर उनकी चोटी तक कटवा लिया था मुख्तार अंसारी ने, ऐसे कई हिन्दुओं की हत्या करवा चुका है यह दुर्दांत अपराधी मुख्तार अंसारी !

तब तो किसी का ठाकुरवाद, किसी का ब्राह्मणवाद, किसी का यादववाद, किसी का पिछड़ावाद, किसी का दलितवाद नहीं जगा था ! सभी जाति के हिन्दू मारे जा रहे थे ! सभी हिन्दुओं की दुकानें और घर जलाए जा रहे थे ! सबके सब दुम दबाकर कोने में खड़े थे, अब योगी के सामने सबके सब चौड़े हो कर खड़े हैं ! वही हाल हैं.. ‘सीधे का मुंह, कुत्ता चाटे’ मऊ दंगे में सड़कों पर खुला खूनी खेल खेला जा रहा था, लेकिन निवर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार मूकबधिर बनी हुई थी ! प्रशासन से लेकर आला अफसरों तक किसी में भी इतनी कुव्वत नहीं थी, कि मुख़्तार की जिप्सी को ब्रेक लगवा सकें… ऐसे में गोरखपुर के निवर्तमान सांसद व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मऊ जाने का ऐलान किया और एक भारी भरकम काफ़िले के साथ मऊ के लिए निकल पड़े ! दोहरी घाट पहुंचते ही योगी व उनके समर्थकों को हिरासत में लें लिया गया तथा प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाया गया, कि अब मऊ में नंगा नाच बंद होगा…

सरकार दबाव में आई, मुख्तार पर कार्यवाही हुई, सिर्फ़ यहीं से दुश्मनी शुरू हुई थी योगी व मुख्तार की। 2008 में आजमगढ़ के डीएवी कालेज में ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ का एक बड़ा प्रोग्राम था, योगी जी मुख्य अतिथि थे ! आजमगढ़ में मु€£$ की संख्या व मुख्तार का प्रभाव किसी से छुपा नहीं हैं ! योगी जी का प्रोग्राम सार्वजानिक था ! मुख्तार ने योगी जी की हत्या का पूरा खाका तैयार कर लिया था ! योगी जी आजमगढ़ शहर में घुसे ही थे, कि तकिया में उन पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें योगी जी बाल बाल बचे ! लगभग 25 वर्ष के अपने राजनैतिक कार्यकाल में हजारों आंदोलन योगी जी ने माफिया तंत्र के खिलाफ किये, ऐसे कई हमले उन पर हुये, लेकिन योगी ने अपने सुर नहीं बदले ! जिस मुख्तार की तूती बोलती थी पूर्वांचल में एकछत्र, इस मुख्तार के सम्बन्ध दाऊद व आईएसआई से थे, योगी जी ने उस मुख्तार की जड़ें हिला दी थी, एक सांसद के तौर पर ही… अब उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्तार का क्या हुआ, उससे आप सब वाकिफ़ हैं…

ऐसे ही प्रयागराज का एक दुर्दांत अपराधी अतीक अहमद के काम और अब योगी बाबा का उस अतीक के ऊपर काम ! हिंदुओं.. अपने सेनापति को पहचानना एवं उसका हर परिस्थिति में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना सीखो, नहीं तो ऐसे ही काटे जाते रहोगे… कोई राजनैतिक दल या नेता बचाने नहीं आएगा ! ध्यान रखो.. कभी भी कोई मुस्लिम अपने नेता की बुराई नहीं करता, बुराई करने का सिर्फ हिंदू जयचंदो ही काम है ! इस आदत को बदलो…