भारतीय रेल के र्नादर्न रेलवे द्वारा की गई नई पहल

विनोद तकियावाला

भारतीय रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। यह खबर विशेष रूप से उनके लिए है जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ अक्सर यात्रा करते है ‘ विशेष रूप से जब आप के संग इस यात्रा में शिशु यात्री हो,शिशु की मॉ इस यात्रा के दौरान सोते समय बार बार जगह अपने बच्चे की सुरक्षा को चिन्तित रहती है।भारतीय रेल ने माँ व उनके बच्चे के लिए सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नई पहल की है।भारतीय रेलवे के इस नई पहल में छोटे बच्चो के लिए होगी बेबी सीट की शुरुआत की गई है। इस नये प्रयोग करते हुए विगत दिनों लखनऊ मेल के वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के बी-4 कोच मे सीट नं ।बर 12 और 60 को प्रयोगात्मक रूप में स्पेशल डिजाइन के रूप विकसित किया गया है।

आप को बता दे कि इन दोनो सीटो से एक (बेवी)छोटी सीट को जोड़ा गया है।दिन के समय इस बेबी सीट को फोल्ड किया जा सकता है।इस बेवी सीट को सुरक्षा की दृष्टि से इसमें एक रेलिंग व शेफ्टी बेल्ट भी लगाई गई है।जिससे कोई बच्चा सीट से नीचे गिर न सके।फिलहाल यह नई व्यवस्था लखनऊ मेल मे प्रयोग के तौर पर ऐ सी की दो सीटों में लगायी गयी है।

भारतीय रेल इस बेबी सीट पर लोगो से फिड़बैक लिया जा रहा है।ताकि आने वाले दिनों में रेलवे इस नये परियोजना को कियान्वयन कर रेल मे सफर करने वाले मातृ – शिशु यात्रियों को सुविधा प्रदान कर सके ।

इस नये परियोजना के बारे में नॉर्दर्न रेलवे से मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी(सीपीआरओ)दीपक कुमार के अनुसार इस सीट के बारे मे रेलवे यात्रियों से फीडबैक लिया जा रहा है।यात्रियों द्वारा उपलब्ध कराये गये फीडबैक के आधार पर ये तय किया जायेगा कि भविष्य में कितनी सीटे बढ़ानी है या नही।यात्रियों के मन में कई ज्वलंत प्रशन है कि रेलवे यदि भविष्य मे सीटे बढ़ायी जायेंगी तो इसकी अलग से बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था भी की जायेगी। आरक्षण शुल्क के रूप रेलवे सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्या – क्या शर्ते व शुल्क वसुल करेगी।

विगत दिनों मातृ दिवस के अवसर पर यह नई पहल की गई है। इस सीट की सुविधा लेने के टीटीई से संपर्क कर कर वेबी सीट की सुविधा ली जा सकती है। इस व्यवस्था लागु करने से लखनऊ मेल देश की ऐसी पहली ट्रेन बन गयी है जिसमें नवजात बच्चों के लेटने के लिए अलग से वेबी सीट लगायी गयी है।इस सीट की सुविधा लेने के लिए यात्री को फिलहाल अलग से कोई अतिरिक्त किराया नहीं देना पड़ेगा ।बता दें कि इस सीट की अग्रमि बुकिंग नहीं की जा रही है ।ट्रेन मे यात्रा के दौरान यदि किसी मां को अपने नवजात बच्चे के साथ इस सीट की अवश्यकता होगी तो वह टीटीई से सम्पर्क करके इस सीट की सुविधा ले सकेगी।टीटीई उस सीट की बुकिंग वाले व्यक्ति से निवेदन करके नवजात बच्चे के साथ यात्रा करने वाली माँ को सीट दिलवा देंगे।

भारतीय रेलवे द्वारा किये इस नये प्रयोग की सफलता – विफलता तो रेलवे यात्रियों के दिये गये फीडबैक् पर र्निभर करेगा कि वेबी सीट की संख्या किस-किस ट्रेन में कितनी कोच में संख्या क्या होगी जो कि अतीत के गर्भ में है।फिलहाल में आप से यह कहते हुए विदा लेते है कि – ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर ।
खबरीलाल तो माँगें सबकी खैर ॥