बिहार में वोटर लिस्ट अपडेट को लेकर नया आदेश, मतदाताओं को मिला एक और मौका

New order regarding voter list update in Bihar, voters got another chance

प्रीति पांडेय

बिहार में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) के पुनरीक्षण को लेकर चल रही राजनीतिक बहस के बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन नागरिकों के नाम अभी तक मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं, उन्हें अब 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक का समय दिया गया है ताकि वे अपना नाम दर्ज करा सकें।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति का नाम बीएलओ (BLO) या बीएलए (BLA) द्वारा सूची में नहीं जोड़ा गया है या गलती से जोड़ा गया है, तो वे व्यक्ति इस निर्धारित अवधि में अपने नाम की एंट्री या सुधार करवा सकते हैं।

यह मौका SIR के आदेश के पैरा 7(5) के अंतर्गत दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार मिल सके।

राजनीतिक दलों को दी गई जानकारी

20 जुलाई को पहले चरण में जमा हुए फॉर्म्स की समीक्षा के बाद, चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के ज़िला प्रमुखों द्वारा नामित बीएलए प्रतिनिधियों के साथ सूचनाएं साझा की हैं।

नाम जोड़ने की प्रक्रिया कहां और कैसे करें?

बिहार के वे नागरिक जो अस्थायी रूप से राज्य से बाहर रह रहे हैं या जिनका नाम अब तक वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं हुआ है, वे दो तरीकों से प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं:

  1. ऑनलाइन माध्यम:

वेबसाइट: https://voters.eci.gov.in

मोबाइल ऐप: ECINet

  1. ऑफलाइन माध्यम:

अपने क्षेत्र के बीएलओ के पास जाकर संबंधित फॉर्म भरकर जमा करें।

आपत्ति दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध

आयोग ने जानकारी दी है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक संगठन, यदि किसी गलती की आशंका हो, तो 1 सितंबर 2025 तक संबंधित ERO (Electoral Registration Officer) या AERO (Assistant ERO) के पास जाकर आपत्ति या सुझाव दे सकता है।

विवाद क्या है?

वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बिहार में राजनीति गर्म है।

विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग की ओर से जो 11 दस्तावेजों की सूची मांगी जा रही है, वह गरीब या ग्रामीण मतदाताओं के पास उपलब्ध नहीं है। इससे कई लोगों के नाम कट सकते हैं।

दूसरी ओर, राज्य सरकार (नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार) इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है, यह कहते हुए कि यह सूची को शुद्ध करने के लिए आवश्यक कदम है।

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी योग्य नागरिक वोटर लिस्ट से बाहर न रहे। इस उद्देश्य से 1 महीने की अतिरिक्त मोहलत दी गई है। अब यह मतदाताओं और राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है कि वे इस अवसर का समय रहते लाभ उठाएं, ताकि कोई भी नागरिक लोकतंत्र के इस पर्व से वंचित न रह जाए।