सत्येन्द्र पाल सिंह
चेन्नै : अगला एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप भी 24 टीमों का होगा क्योंकि यह जूनियर हॉकी के विकास के लिए है जबकि सीनियर एफआईएच हॉकी विश्व कप में भी 16 टीमें रहेंगी। सीनियर हॉकी विश्व कप में शिरकत करने वाली टीमों की संख्या 16 से इसीलिए बहुत बढ़ाई नहीं जा सकती हैं क्योंकि टीमों के प्रदर्शन के बीच फासला बहुत बढ़ जाएगा। एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप की मेजबानी की होड़ में पांच छह देश हैं। यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ( एफआईएच) के अध्यक्ष तैयब इकराम का।
भारत को एफआईएच जूनियर और सीनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जैसे टूर्नामेंट की बाबत पूछे जाने पर तैयब इकराम ने कहा,‘बेशक अब एशिया में पहले ज्यादा हॉकी के टूर्नामेंट होते हैं और आगे हालात और बदलेंगे।भारत बेशक बहुत बड़ा बाजार है लेकिन हम जूनियर हॉकी विश्व कप जैसे बड़े की मेजबानी इसके लिए बोली लगाई जाने वाली टीमों के आधार पर ही किसी भी देश विशेष को देते हैं। भारत हर चीज के लिए हर दिन प्रायोजक मौजूद है। भारत सबसे बड़ा प्रायोजक है। यहां चेन्नै और मदुरे में जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में छह और सात देश ऐसे थे जिन्होंने पहली बार इसमें शिरकत की और उनके माता पिता अपने बालकों को इसमें शिरकत करते देखने के लिए यहां तक आए। हम हॉकी में लैंगिक समानता में यकीन करते हैं और इसीलिए हम एफआईएच में न केवल पुरुष और महिला खिलाड़ियों बराबर हर तरह बराबरी की भागीदारी का मौका देते हैं। हम एफआईएच में अधिकारियाशं, तकनीकी अधिकारियों,प्रशासकों, स्वयंसेवकों तक में महिलाओं और पुरुषों की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। हम मैचों में पुरुष और महिला अंपायरों की भी बराबर की भागीदारी के हक में हैं और हमने इसकी शुरुआत पेरिस ओलंपिक कर चुके हैं आगे इसमें समानता और बढ़ेगी।





