
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज अपने प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर एनजीटी के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रकाश श्रीवास्तव की नेतृत्वकारी उपस्थिति और अधिकरण के अन्य सम्मानित सदस्यों की गरिमामयी सहभागिता रही।
इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जिसके अनुरूप आयोजित इस कार्यक्रम ने न केवल पर्यावरणीय चेतना को उजागर किया बल्कि आत्मिक और मानसिक कल्याण के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रशिक्षित योग विशेषज्ञों के निर्देशन में योगासन, प्राणायाम और ध्यान सत्र से हुई। प्रतिभागियों ने ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन जैसे शारीरिक मुद्राओं के साथ-साथ श्वास तकनीक और मानसिक एकाग्रता के अभ्यास किए। इस अवसर पर सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और आमंत्रित अतिथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
अपने प्रेरणादायी संबोधन में न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा, “योग केवल शारीरिक कसरत नहीं है, यह जीवन जीने की एक पद्धति है जो अनुशासन, आत्म-नियंत्रण, मन की शांति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है। इन मूल्यों की आज के युग में अत्यंत आवश्यकता है, विशेषकर जब हम पर्यावरणीय संतुलन और स्वास्थ्य के प्रति सजग हो रहे हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि सामूहिक जागरूकता का माध्यम बन सकता है, जिससे समाज में स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों ने एनजीटी के इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की और भविष्य में भी इस प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक आयोजनों की निरंतरता की अपेक्षा जताई।
अंत में, यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के रूप में बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक संदेश के रूप में उभरा—कि योग के माध्यम से न केवल तन और मन बल्कि पृथ्वी और पर्यावरण को भी संतुलित और स्वस्थ बनाया जा सकता है।