इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2022 में जिहादी आतंकवाद के ख़िलाफ़ जबरदस्त अभियान चलाया. एनआईए द्वारा जिहादी आतंक के 35 मामले दर्ज किए गए हैं. एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि साल 2022 में कुल 73 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि साल 2021 में 61 मामले दर्ज किए गए थे. एनआईए के लिए यह अब तक के सर्वाधिक मामले है।
12 राज्यों में जिहादी आतंकवाद –
एनआईए द्वारा दर्ज मामलों में जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जिहादी आतंक के 35 मामले, जम्मू-कश्मीर के 11 मामले, वामपंथी उग्रवाद के 10 मामले, पूर्वोत्तर के 5 मामले, पीएफआई से संबंधित 7 मामले, पंजाब के 4 मामले, गैंगस्टर- आतंकवादी-ड्रग तस्कर सांठगांठ के 3 मामले, टेरर फंडिंग का 1 मामला और जाली नोट से जुड़े 2 मामले शामिल हैं।
456 गिरफ्तार-
एनआईए द्वारा 19 फरार आरोपियों सहित 456 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। दो अभियुक्तों को विदेश से वापस भेजने यानी निर्वासन (डिपोर्ट ) पर गिरफ्तार किया गया है और एक अभियुक्त को प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया गया है।
109 को सजा –
एनआईए ने साल 2022 में 368 लोगों के खिलाफ अदालत में 59 चार्जशीट दायर की गई। अदालत द्वारा साल 2022 में 38 मामलों में फैसले सुनाए गए हैं, जिनमें से सभी मामलों में सजा दी गई हैं। अदालत द्वारा 109 व्यक्तियों को कठोर कारावास और जुर्माने की सजा दी गई है। छह लोगों उम्रकैद की सजा भी दी गई है। एनआईए के अनुसार अनुसार सजा दर 94.39 फीसदी है।
8 आतंकी घोषित-
एनआईए द्वारा साल 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत 8 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है. एनआईए द्वारा उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
नो मनी फॉर टेरर-
आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और रोकने के प्रयासों के तहत, एनआईए ने 18-19 नवंबर 2022 को तीसरा मंत्रिस्तरीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसमें 78 देशों और 16 संगठनों ने भाग लिया।
आतंकी, बदमाश, तस्करों के गठजोड़ पर प्रहार-
एनआईए ने भारत और विदेश में आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशीले पदार्थ/ हथियारों के तस्करों बीच उभरती सांठगांठ को तोड़ने और खत्म करने के मकसद से अगस्त, 2022 में 2 मामले दर्ज किए थे.
छापा अभियान-
एनआईए ने सितंबर ,अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में इनके पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी के चार अभियान चलाए.