दुनिया में कोई कैसी भी मीडिया आ जाए प्रिंट मीडिया का महत्व अक्षुण्य रहेगा

रविवार दिल्ली नेटवर्क

कोरबा : अंचल के लोकप्रिय दैनिक लोक सदन के स्थापना दिवस के परिप्रेक्ष्य में स्थापना दिवस के अवसर पर कोरबा के मुकुटधर पांडे साहित्य भवन घंटाघर चौक में आयोजित किया गया। कोरबा जिले के वरिष्ठ और सक्रिय पत्रकार रहे स्व. रमेश पासवान की स्मृति में पत्रकारिता सम्मान कार्यक्रम (द्वितीय वर्ष) 2023 के तहत पंडित मुकुटधर पांडेय साहित्य भवन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात स्वर्गीय रमेश पासवान के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अतिथियों का स्वागत अभिनंदन उपरांत वरिष्ठ पत्रकार मनोज ठाकुर ने दिए जा रहे सम्मान का पाठ किया। पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देशबन्धु, कोरबा के पत्रकार सत्यनारायण पाल( सत्या) को वर्ष 2023 के लिए शॉल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं 10 हजार रुपये की सम्मान राशि मुख्य अतिथि राकेश श्रीवास्तव उपस्थित अतिथियों एवम सपादक सुरेशचंद्र रोहरा द्वारा चेक भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। इस अवसर पर सत्यनारायण पाल की धर्मपत्नी श्रीमती लाजवन्ती दीवान का भी सम्मान किया गया।

मंचीय कार्यक्रम में दैनिक लोक सदन के संपादक सुरेशचंद्र रोहरा ने अपने संबोधन में कहा स्व. रमेश पासवान ने औद्योगिक नगर में लगभग 30 वर्ष की पत्रकारिता में एक अहम योगदान देते हुए पत्रकारिता को एक ऊंचाई और प्रतिष्ठा दी थी। उनकी स्मृति में इस सम्मान की शुरुवात की गई है जो अनवरत जारी रखी जायेगी। श्री रोहरा ने स्वर्गीय पासवान के व्यक्तित्व और पत्रकारिता में काम करने की शैली पर प्रकाश डाला और बताया कि रमेश पासवान किस तरह आज भी प्रासंगिक है और आने वाले समय में भी रहेंगे वे आम शोषित लोगों के पक्षधर थे आज के समझौता वादी पत्रकारिता के जमाने में एक मिसाल थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय पासवान की स्मृति बनी रहे इसके लिए एक ट्रस्ट बनाया जायेगा।

पासवान ने सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने कहा यह सच है कि दुनिया में कितनी ही तरक्की मीडिया आ जाएं मगर प्रिंट मीडिया का महत्व हमेशा बना रहेगा इसकी विश्वसनीयता सदैव रहेगी। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि श्री रोहरा द्वारा रमेश पासवान सम्मान समारोह इस तरह का आयोजन कर पाना हिम्मत की बात है। रमेश पासवान के काम करने की शैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दैनिक हरिभूमि में उनका प्रमुख था मगर उनकी अपनी विशिष्ठ दृष्टि के कारण उनकी इमानदारी के कारण मैं उन्हें हमेशा अपना वरिष्ठ मानता था। प्रेस क्लब के माध्यम से श्री पासवान की स्मृति में रक्तदान शिविर लगाया गया और आगे इसे वृहद स्वरूप दिया जाएगा। रमेश पासवान से मैंने बहुत कुछ सीखा है व उनकी निष्ठा का कायल रहा हूं। आज भले ही पत्रकारिता समझौतावादी है लेकिन पासवान ने अपनी पत्रकारिता के मूल्यों व सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया। प्रिंट मीडिया आज भी प्रासंगिक है और उसकी विश्वसनीयता हमेशा रहेगी।

इससे पूर्व”प्रिंट मीडिया का महत्व और उसका अवदान” विषय पर कोरबा क्लब के संरक्षक कमलेश यादव ने विशिष्ठ अतिथि की आसंदी से कहा प्रिंट मीडिया की प्रासंगिकता सदैव रहेगी। हालांकि आज की नई पीढ़ी के पत्रकारों में अध्ययन की कमी है और उन्हें चाहिए कि वे डिग्री के साथ-साथ अध्ययन पर भी ज्यादा जोर दें ताकि वे परिपक्व पत्रकारिता कर सकें। श्री यादव ने कहा कि आज पत्रकारिता अनेक विषम परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भाई सुरेश अरोरा द्वारा दैनिक लोक सदन का प्रकाशन चुनुतियो के बीच किया जा रहा है ऐसा महत्वपूर्ण आयोजन किया जा रहा है उसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं।

विशिष्ट अतिथि की आसंदी से अंचल के मजदूर किसान नेता मूरितराम साहू ने कहा कि श्री पासवान हमेशा से ही दलित, शोषित, मजदूर, किसान, आदिवासी वर्ग के लिए लिखते रहे। रमेश पासवान युवा थे मगर जब भी मुझसे मिलते थे तो नहीं-नहीं जानकारियों से अवगत कराते थे जो राजनीति जीवन में हमें काम करने में मदद करती थी। वरिष्ठ अधिवक्ता बीके शुक्ला ने श्री पासवान की स्मृति में शुरू किए गए सम्मान की परंपरा को सराहते हुए इसके अनवरत जारी रहने की कामना की।

कोरबा नगर के नामकरण की वैज्ञानिक व्याख्या की – धरम

समाज सेवी‌। पार्षद धरम निर्मले ने कहा कि रमेश पासवान एक जिज्ञासु पत्रकार थे और उन्होंने कोरबा से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को भी पाठकों के सामने लाया उन्होंने ही सर्वप्रथम कोरबा नगर के नामकरण की वैज्ञानिक व्याख्या अपनी लेखनी से की थी उन्होंने बताया था कि कोरवा जनजाति से ही कोरबा नगर का नाम कोरबा रखा गया है। प्रिंट मीडिया के अनेक संस्थानों में काम करते हुए उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण काम किया और अपने देखने से कोरबा शहर को और पत्रकारिता को समृद्ध किया। रमेश पासवान के साथ रहे नगर निगम के एल्डरमैन सनंद दास दीवान ने रमेश पासवान की पत्रकारिता और व्यक्तित्व से जुड़ी यादों को साझा कर कहा कि प्रिंट मीडिया ऐतिहासिक व प्रमाणित दस्तावेज है। अखबार की समझ रखने वाला ही प्रिंट मीडिया को चला सकता है। उभरते पत्रकारों को सम्मान देने को सराहनीय बताते हुए कहा कि यह अनवरत चलता रहेगा।

मैं रमेश पासवान का कायल हो गया- विकास जोशी

वरिष्ठ पत्रकार विकास जोशी ने कहा कि आज की पत्रकारिता में बहुत कुछ सोचने की जरूरत है। वे स्व. पासवान की लेखनी कायल रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह रमेश पासवान ने उनके पिता के संघर्ष और जीवन को भीतर से ढूंढ कर निकाला और प्रकाशित किया तो मुझे भी यह पता चला कि मेरे पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे उनके व्यक्तित्व को रमेश पासवान ने ही सबसे पहले प्रकाशित किया जिसमें कारण में रमेश पासवान का कायल हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मो.यूनुस दनियालपुरी ने भावुक होते हुये कहा कि पासवान एक मज़दूर का बेटा था,उंसके पिता तब के एनसीडीसी (एसईसीएल) में क्रेन ऑपरेटर थे। यहां की मिट्टी में खेला-कूदा रमेश पासवान अपने कद से बहुत ऊंचा निकल गया। उसने कलम का लोहा मनवाया। उनकी स्मृति में सम्मान के लिए श्री रोहरा को साधुवाद दिया।

कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में दैनिक लोकसदन के स्थापना दिवस के सुअवसर पर पर अंचल के साहित्यकारों के द्वारा कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमें एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाई गई। कार्यक्रम में कोरबा प्रेस क्लब के सचिव दिनेश राज, मनोज ठाकुर, कमल सरविद्या, उमेश यादव ,राजेश सक्सेना, विशाल सक्सेना, रामेश्वर ठाकुर,अरविंद पांडेय, ,हीरा राठौर, श्रीमती रेणु जायसवाल, स्वर्गीय पत्रकार रमेश पासवान के सुपुत्र अनूप पासवान, के अलावा साहित्यकार उमेश अग्रवाल,जेपी श्रीवास्तव, साहित्य भवन के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल, घनश्याम तिवारी, बलराम राठौर, संतोष मिरी, गीता विश्वकर्मा, वीणा मिस्त्री, रशीदा बानो, प्रभात शर्मा, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे पूरे कार्यक्रम का संचालन कविवर कृष्ण कुमार चंद्रा व जितेंद्र वर्मा के द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन कवियत्री वीणा मिस्त्री द्वारा किया गया।