- रोहित, विराट व रवींद्र जडेजा की जगह कौन लेगा यह चयन समिति पर छोड़ देना चाहिए
- गंभीर अभी टिप्पणी मुनासिब नहीं, उन्हें टीम इंडिया का हेड कोच बनने पर शुभकामनाएं
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : रोहित शर्मा , विराट कोहली और रवींद्र जडेजा जैसे धुरंधरों के भारत को वेस्टइंडीज में अजेय रह आईसीसी टी-२० क्रिकेट विश्व कप जिता टी २० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अब उनके विकल्प कहिए या वारिस के रूप में कई नवोदितों के नाम की चर्चा है। साथ ही राहुल द्रविड़ के टीम इंडिया के हेड कोच कोच के रूप में कार्यकाल पूरा होने के बाद गौतम गंभीर को टीम का नया हेड कोच नियुक्त किए जाने पर भारतीय टीम में धुरंधर वरिष्ठ खिलाड़ियों के टीम में बने रहने पर सोच की खूब चर्चा हो रही है।
भारत को १९८३ में अपने विलक्षण खेल से आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव से जब यहां दूसरी ट्रिनिट्री गोल्फ चैंपियंस लीग के दूसरे संस्करण की घोषणा के बाद मेरे द्वारा यह सवाल किया गया कि रोहित, विराट और रवींद्र जडेजा के टी-२० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उनका टीम इंडिया में स्थान कौन लेगा तो उन्होंने जवाब दिया, ज् कोई भी किसी का स्थान नहीं लेता हर क्रिकेटर को टीम इंडिया में खुद अपनी जगह बनानी पड़ती है। रोहित, विराट और जडेजा तीनों ने कड़ी मेहनत कर भारतीय टीम में जगह बनाने के साथ एक दशक से भी ज्यादा तक क्रिकेट के हर फॉर्मेट में दमदार प्रदर्शन कर देश को बुलंदियों पर पहुंचाया। भारतीय टीम में इन तीनों की जगह किसे लेना यह काम चयन समिति पर ही छोड़ दे तो बेहतर है। जहां तक टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर की बात है तो मेरे लिए उनकी बाबत अभी कोई टिप्पणी करना मुनासिब नहीं होगा। मैं गौतम गंभीर को टीम इंडिया के नए हेड कोच की जिम्मेदारी संभालने पर उन्हें बधाई देने के साथ उनके इस भूमिका में भारतीय टीम को नई बुलंदियों पर पहुंचाने की कामना करता हूं।
कपिल बोले, भारतीय गोल्फरों का ओलंपिक में पदक जीतना, हफ्ते विशेष पर निर्भर
कपिल देव से जब पिछले२०२० के टो्क्यो ओलंपिक में बहुत करीब से कांसा चूकने वाली चौथे स्थान पर रहने वाली अदिति सहित इस बार २०२४ के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफार्इ करने वाले भारत के चार गोल्फरों सहित इसमें भारत के ज्यादा पदक जीतने की बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, ज् पहले गोल्फ की बाबत कहूंगा पेरिस ओलंपिक में भारत कितने पदक जितेगा यह उस हफ्ते विशेष में भारतीय गोल्फरों के प्रदर्शन विशेष पर निर्भर करेगा। हमारे सभी एथलीट पेरिस ओलंपिक में पूरे एकाग्र होकर बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहे तो इस बार हम टो क्यो ओलंपिक के मुकाबले पेरिस ओलंपिक २०२४ में ज्यादा पदक जीतने में सफल रहेंगे। हमारे गोल्फरों को ओलंपिक में गोल्फ का पूरा लुत्फ उठाना चाहिए। भारत के लिए गोल्फ के नजरिए अच्छी बात यह है कि देश में अब कई प्रायोजक आ रहे हैं और इससे देश में लोग ज्यादा गोल्फ खेलने को प्रेरित हो रहे हैं।