- गुजरात की तरह भजन मंत्रिपरिषद में भी पुराने नेताओं का पत्ता साफ होंगा?
गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान के मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने जन्म दिवस 15 दिसंबर शुक्रवार को प्रदेश के 14 वें मुख्यमंत्री के रुप में राजधानी जयपुर में शपथ ग्रहण करेंगे । राज्यपाल कलराज मिश्र उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और अमित शाह सहित कई केंद्रीय मन्त्रियों तथा प्रदेशों के मुख्यमंत्री और कई भाजपा नेता गण भी जयपुर आयेंगे।
प्रदेश भाजपा और राज्य प्रशासन ने शपथ ग्रहण समारोह की युद्ध स्तर पर तैयारियाँ शुरु कर दी है। शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को सुबह 11:15 बजे जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के सामने होगा। मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अलावा प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़,संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा और कार्यालय मंत्री महेश शर्मा आदि माकूल इंतज़ामों की रूपरेखा बनाने में जुटे हुए हैं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के अलावा कुछ मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है । बताया जा रहा है कि 16 दिसंबर से मलमास शुरु होने के कारण इसकी संभावनायें अधिक है।यदि अभी ऐसा नही होता है तों नए मन्त्रियों को मकर संक्रान्ति तक इन्तज़ार करना होंगा।
दौ सौ सीटों वाली राजस्थान विधान सभा में एक उम्मीदवार के निधन के कारण अभी 199 सीटों पर ही चुनाव हुआ था और भाजपा ने 115 सीटें जीत स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। विधानसभा की सीटों के 15 प्रतिशत के हिसाब से मंत्रिपरिषद में कुल 30 मंत्री बनायें जा सकते हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के शपथ ग्रहण करने के बाद 27 और मंत्री बनायें जाने की गुंजाइश है लेकिन भाजपा जातीय समीकरणों और आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए फ़िलहाल सभी 27 मंत्री नही बना उसमें कुछ स्थान खाली रख सकती है।इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक ,उप सचेतक तथा संसदीय सचिवों की नियुक्ति से भी कई विधायकों को समायोजित किया जा सकता है। अजमेर उत्तर के कई बार के विधायक वासुदेव देवनानी को विधान सभा अध्यक्ष मनोनीत किया जा चुका है।
इस बार विधानसभा चुनाव जीते आठ निर्दलियों में से सात विधायक भाजपा के अपने ही बागी है जिन्होंने अब भाजपा को बिना किसी शर्त समर्थन देने का आग्रह किया है। इसके अलावा श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधान सभा सीट पर चुनाव होना भी अभी शेष है। पन्द्रहवीं विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ और उप नेता डॉ सतीश पूनियाँ दुर्भाग्य से विधान सभा चुनाव में पराजित हो गए है । यह दोनों नेता वरिष्ठ और तजुर्बेदार हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाया जायेगा अथवा राज्य के महत्वपूर्ण बोर्डस, निगमों या अन्य राजनीतिक नियुक्तियों में अहम स्थान दिया जायेगा या नही यह देखना होंगा।
साथ ही यह देखना भी दिलचस्प रहेगा कि नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की टीम में किन विधायकों को मौक़ा मिलेगा तथा क्या उनके मंत्रिपरिषद में गुजरात की तरह सभी पुराने नेताओं का पत्ता साफ हों जायेगा और वे पूरी तरह से अपनी नई टीम बनायेंगे ? यदि ऐसा होता है तों यक्ष प्रश्न यह भी है कि दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही वसुन्धरा राजे के मंत्रिपरिषद में शामिल रहें विधायकों की सरकार में क्या भूमिका रहेंगी?
वैसे यह सारे निर्णय भाजपा के शीर्ष नेताओं और आरएसएस के साथ विचार विमर्श के बाद ही लिए जायेंगे तथा इसमें भी आने वाले लोकसभा आम चुनावों में 2014 और 2019 की तरह इस बार भी राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों को भाजपा की झोली में डालने के लक्ष्य को पूरा करना होगा।
वैसे फ़िलहाल राजनीतिक हलकों में नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने वाले नए मंत्रियों के नामों को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हैं। राजनीतिक पण्डितों का अनुमान है कि भजन लाल शर्मा के मंत्रिपरिषद में सभी जातियों विशेष कर महिलाओं को साधने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना कर ब्राह्मण चेहरे और दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बना कर राजपूत एवं दलित चेहरों को आगे किया जा चुका है । भाजपा का कोर वोट बैंक वैश्य वर्ग से इस बार की अग्रिम टीम में कोई सदस्य शामिल नही है इसलिए अब वैश्य वर्ग के साथ ही महिलाओं और प्रदेश में अपना प्रभुत्व रखने वाले ओबीसी जाट गुर्जर विश्नोई एवं बहु संख्यक आदिवासी तथा अन्य वर्गों को भी साधना होंगा। प्रदेश में इस बार भाजपा के अनुसूचित जाती के सर्वाधिक 23 विधायक,राजपूत समाज के 17, अनुसूचित जनजाति आदिवासी के 16 , जाट और ब्राह्मण वर्ग के 12-12 , वैश्य समुदाय के 8 तथा गुर्जर समाज के 5 विधायक विजयी हुए है ।साथ ही अन्य समाजों के भी कई विधायक जीत कर आयें हैं।
यदि शर्मा के मंत्रिपरिषद में एकदम नए चेहरों को शामिल किया जाता है तों उसमें महिलाओं में सिद्धि कुमारी बीकानेर, दीप्ति किरण माहेश्वरी राजसमंद, कल्पना देवी (लाडपुरा), नौक्षम चौधरी (कामां) मंजू बाघमार (जायल), शोभा चौहान (सोजत) आदि में से किसी को चुना जा सकता है।इनके अलावा वसुन्धरा राजे मंत्रिपरिषद में मंत्री रहीं अनिता भदेल (अजमेर दक्षिण) को नजरअंदाज करना मुश्किल होंगा जिन्हें कई बार विधायक और मंत्री रहने का लम्बा अनुभव है।
वसुन्धरा राजे के साथ उनकी सरकार में काम कर चुके प्रदेश के वरिष्ठतम विधायकों में से एक कालीचरण सराफ, प्रतापसिंह सिंघवी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत आदि कुछ नामों के अलावा मदन दिलावर, जोगेश्वर गर्ग,केन्द्रीय राज्य मंत्री रहें कर्नल राज्य वर्द्धन सिंह राठौड़ के साथ ही तिजारा से धमाकेदार जीत से चर्चा में आए बाबा बालक नाथ और सवाई माधोपुर से जीते मीणा नेता डॉ क्रिरोडी लाल मीणा के साथ ही अन्य कई ऐसे नए पुराने चेहरे है जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता हैं। इनमें महन्त प्रताप पुरी, विश्वराज सिंह मेवाड़,जेठा लाल व्यास, जितेन्द्र गोठवाल, झाबर सिंह खर्रा, जवाहर सिंह बेदम,जगत सिंह,हंसराज पटेल,पब्बाराम विश्नोई,हीरा लाल नागर ,भैराराम चौधरी, लालाराम बैरवा, संजय शर्मा,पत्रकार गोपाल शर्मा, लादी राम पितलिया,जयदीप बिहानी,ताराचन्द जैन और फूल चंद मीणा आदि के नाम भी प्रमुख दावेदारों में शामिल बताए जा रहें हैं।
बताया जा रहा है कि 35 से अधिक विधायक मंत्री बनने की कतार में है हालाँकि उनकी किस्मत का फैसला भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही करेगा लेकिन आरएसएस से निकटता रखने वाले विधायकों को मौक़ा मिलने के अवसर अधिक बताए जा रहें है।
देखना है कि भजन लाल शर्मा की भावी टीम में किस-किस विधायक की किस्मत चमकने वाली है और किसे अन्य प्रकार की जिम्मेदारियाँ मिलने वाली हैं?