लखनऊ जेल में बंद कुख्यात फिरदौस पुलिस के संरक्षण में इंस्टाग्राम पर एक्टिव

Notorious Firdaus, lodged in Lucknow jail, active on Instagram under the protection of police

अजय कुमार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर और एनकाउंटर जैसी सख्त कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं करते हैं,लेकिन उसी योगी सरकार की नाक के नीचे जब एक कुख्यात अपराधी जो हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद हैं वह अपनी रील बनाकर और फोटोशूट करके सोशल मीडिया पर डालता है तो काफी आश्चर्य होता है। यह कारनामा तब होता है जब लखनऊ जेल में बंद कुख्यात अपराधी फिरदौस उर्फ शादाब अख्तर पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट आता-जाता है। जेल में बंद होने के बाद भी दबदबा कायम है। इतना ही नहीं फिरदौस पेशी पर खूब मौज मस्ती भी करता है। उसके साथी उसके मिलने के लिये पहुंचते हैं। जिनके सामने ही वह रील बनाता हैं, फोटोशूट करता है। फिर इन्हें इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया जाता है। लंबे समय से ऐसा चल रहा है। हैरानी इसकी है कि यह सब तब होता है जब फिरदौस पुलिस अभिरक्षा में होता है। गौरतलब हो, लखनऊ के कैंट में 25 जून 2022 को रेलवे ठेकेदार व बिहार के मोस्टवांटेड वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर (42) की हत्या कर दी गई थी। वारदात में बिहार का कुख्यात अपराधी फिरदौस भी शामिल था। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। 15 दिसंबर 2022 को उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। तब से वह लखनऊ जिला जेल में बंद है।

फिरदौस का लंबा आपराधिक इतिहास है। बिहार से लेकर यूपी तक उस पर 18 गंभीर केस हैं। बीते कुछ दिनों से उसकी कई रील और फोटो वायरल हैं। खास है कि अधिकतर रील कोर्ट परिसर के अंदर बनाई गई हैं। फिरदौस फैन क्लब व टीम फिरदौस नाम से इंस्टाग्राम पर पेज भी है, जिनमें ये रील व फोटो पोस्ट की जाती है। सूत्रों के मुताबिक सामने आईं रील व फोटो एक साल के भीतर के हैं। फिरदौस को जब कोर्ट लाया जाता है तो पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं। रील देखने से स्पष्ट है कि उसके आने से लेकर कोर्ट परिसर में जाने और बाहर निकलने तक के वीडियो शूट किए गए। अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी न तो रोक-टोक करते हैं और न ही अपराधी की इस हरकत की उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हैं। यह सब तब हो रहा है जबकि फिरदौस को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद होने के बावजूद वह गैंग चला रहा है। जब भी पेशी पर आता है तो उसके गुर्गे मिलने आते हैं। वसूली की भी आशंका है। फिरदौस पर जो केस दर्ज हैं, उसमें से आधे बिहार और बाकी लखनऊ के हैं। लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित निजी विवि का छात्र रहने के दौरान ही उसने वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया था जो आज तक जारी है।