- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी में एनएसएस इकाई और यूपी पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में मिशन शक्ति के तहत नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन को लेकर जागरूकता एवम् संवाद सत्र
रविवार दिल्ली नेटवर्क
- एसएसपी श्री हेमराज मीना बोले, दुनिया की श्रेष्ठ डायल पुलिस सेवा में शुमार 112
- मातृ शक्ति को मानसिक और शारीरिक ड़र को दूर करना होगा: एडीजे पॉक्सो
- कानून भी आपकी मदद तभी करेगा, जब आप स्वंय अपनी मदद करोगे: कुलाधिपति
- मानसिक या शारीरिक तौर पर उत्पीड़ित होने पर बेहिचक करें शिकायत: सचिव, डीएलएसए
- ज्योति पर केंद्रित लघु नाटिका ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के प्रति किया जागरूक
आधी आबादी को अब इस अबला मानसिकता से बाहर निकलना ही होगा। हकीकत यह है, महिलाएं न अबला थीं। न अबला हैं। न अबला होंगी। इसमें कोई शक नहीं, पुरूष समाज की तुलना में महिला ही महिला की दुश्मन है। कानून भी आपको तभी मरहम लगा सकेगा, जब आप खुद की मदद करोगी। आपको अपने हकों के बारे में जानना होगा। लड़ना होगा। प्राप्त करना होगा। महिलाओं को स्वावलंबी बनना होगा। यदि आपको मदद की दरकार है, तो सरकार से लेकर कानून और पुलिस के द्वार आपके लिए चौबीसों घंटे खुले हैं। यूनिवर्सिटी के कैंपस को संजीदगी से लीजिएगा। यह आपके जीवन का अनमोल समय है। सच यह है, यह अभिभावकों का आप पर कर्ज है। आप अपने स्टडी के लक्ष्य के प्रति गंभीर रहिएगा। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की एनएसएस इकाई और यूपी पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में मिशन शक्ति के तहत नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन को लेकर जागरूकता एवम् संवाद सत्र में छात्र-छात्राओं को ये टिप्स कानूनी और पुलिस विशेषज्ञों ने दिए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में ज्योति नामक लड़की पर केंद्रित लघु नाटिका के जरिए महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों मसलन- छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, बाल विवाह आदि को दर्शाया गया। अतंतः यह नाटिका नारी सशाक्तिकरण के संदेश को देने में सफल रही। ज्योति के रूप में जोया खान समेत एक दर्जन से अधिक पात्रों ने इस नाटिका से अतिथियों, कुलाधिपति और ऑडी में मौजूद सैकड़ों छात्र-छात्राओं का दिल जीत लिया। इससे पूर्व ऑडी में एसएसपी, मुरादाबाद श्री हेमराज मीना ने बतौर मुख्य अतिथि, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, बतौर विशिष्ट अतिथि- एडीजे पॉक्सो श्री चंद्रविजय श्रीनेत, एडीजे/सचिव, डीएलएसए श्रीमती माधवी सिंह, एसपी सिटी श्री अखिलेश भदौरिया, एसपी ट्रैफिक श्री सुभाष चंद्र गंगवार आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर अतिथियों को बुके देकर स्वागत किया गया। अंत मे स्मृति चिन्ह भी दिए गए। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सीओ क्राइम श्रीमती शैलजा मिश्रा और सीओ हाइवे श्री महेश गौतम को एसएसपी ने बुके देकर सम्मानित किया। डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह के संयोजकत्व में हुए कार्यक्रम का संचालन डॉ. माधव शर्मा ने किया। राष्ट्रगान के संग कार्यक्रम का समापन हुआ।
बतौर मुख्य अतिथि एसएसपी श्री हेमराज मीना ने महिलाओं के हकों पर विस्तार से रोशनी डालते हुए कहा, योगी सरकार ने 2020 में मिशन शक्ति का शंखनाद किया था। अब यह चौथे चरण में प्रवेश कर गया है। महिलाओं की मदद के लिए सरकार ने डायल 112, 1090, 181, यूपी कोप ऐप, पुलिस वेबसाइट आदि मुहैया करा रखी है। दुनिया की श्रेष्ठ डायल पुलिस सेवा में शुमार 112 पुलिस वैन 10 मिनट के अंदर आपके पास पहुंच जाएगी। उन्होंने धारा 376 से लेकर 304बी आदि तक का विस्तार से जिक्र किया। वह एंटी रोमियो स्कॉयड का जिक्र करना भी नहीं भूले। श्री मीना बोले, हमारी आधी आबादी की सुरक्षा के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। नारी पहले अबला होती होगी, लेकिन अब नहीं है। यह पुराना विचार है। बिना महिला पुरूषों का कोई अस्तित्व नहीं है। सच्चाई यह है, महिलाएं ही पुरूषों का साहस बढ़ाती हैं। जब तक महिलाएं सेल्फ डिपेंडेंट नहीं होगी तब तक यह बदलाव नहीं होगा।
एडीजे पॉक्सो श्री चंद्रविजय श्रीनेत ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा, मातृ शक्ति को मानसिक और शारीरिक ड़र को दूर करना होगा। उन्होंने रामायण की कैकयी, रानी लक्ष्मीबाई, मैरीकॉम, सुनीता विलियम्स से लेकर कल्पना चावला तक बहादुर महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा, हमें महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता बदलनी होगी। नारी न पहले अबला थी और न अब है। देवताओं पर भी जब कभी संकट आया तो उन्हें भी शक्ति रूपी नारी- मां काली या मां दुर्गा के पास जाना पड़ा। यदि वे पीड़ित हैं तो विधिक फोरम में जाएं। आपको न्याय मिलेगा। सुनवाई न होने वाली अपनी धारणा को छोड़ दें। महिलाओं को एकजुट होना पड़ेगा। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन बोले, कानून भी आपकी मदद तभी करेगा, जब आप स्वंय अपनी मदद करोगे। स्वंय अपनी मदद नहीं करने पर अप्रिय घटनाएं होती हैं। उन्होंने हाल में घटित दो दुर्घटनाओं का जिक्र किया। कुलाधिपति बोले, अपने बारे में सोचें। घरवालों के बारे में सोचें। एडीजे/सचिव, डीएलएसए श्रीमती माधवी सिंह ने कहा, ज्योति पर केंद्रित लघु नाटिका में दर्शाए गए सभी मुद्दे अपराध की श्रेणी में आते हैं। आपको विधिक अधिकरों की जानकारी होनी चाहिए। यदि कोई आपको मानसिक या शारीरिक तौर पर उत्पीड़ित कर रहा है तो आप हैल्पलाइन पर इसकी शिकायत करें। विधिक सेवा प्राधिकरण में आकर सम्पर्क करें।