
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के बजट को लेकर कई नए घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं में सबसे बड़ी घोषणा राजस्थान स्थापना दिवस को लेकर की गई है। मुख्यमंत्री शर्मा ने घोषणा की कि अब राज्य में हर वर्ष 30 मार्च अंग्रेजी तिथि के बजाय हिन्दू तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही राजस्थान दिवस मनाया जाएगा।
उन्होंने प्रदेश के नवगठित आठ जिलों में मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की है । साथ ही इन नवगठित जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थापित करने की घोषणा भी की है। इसके अलावा 450 करोड़ रुपए की लागत से जयपुर के लाल कोठी क्षेत्र में एक ऑफिस कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा की। साथ ही दौसा, बांदीकुई और बालोतरा में नगर विकास न्यास का गठन करने की घोषणा की। साथ ही सीएनजी और पीएनजी पर वैट दर घटाकर 7.5 प्रतिशत करने की घोषणा भी की,लेकिन नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत राजस्थानी भाषा को प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनाने सम्बन्धी घोषणा नहीं होने से भाषा प्रेमियों को निराशा हुई हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि आप कहते हो कि राइजिंग राजस्थान में कुछ नहीं है। यदि राइजिंग राजस्थान में कुछ था ही नहीं तो आपने ऐसे आयोजन क्यों किए थे। आपके और हमारे राइजिंग राजस्थान में बहुत फर्क है। आपने सिर्फ दिखाने के लिए अंतिम वर्ष में इसका आयोजन किया,जबकि हमने विजन लेकर इसको सरकार के पहले वर्ष में ही कर दिखाया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने सदन में बड़ा ऐलान किया कि 30 मार्च तक राइजिंग राजस्थान के 3 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर आ जाएंगे। कांग्रेस राज के दौरान जाते-जाते इन्वेस्टमेंट समिट किया गया था उसमें 12.50 लाख करोड़ रुपए के एमओयू किए गए जिनमें से केवल 30 हजार करोड़ ही धरातल पर आए। हमारी सरकार ने 35 लाख करोड़ के एमओयू किए हैं। इनमें से 2 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर आ चुके हैं। 30 मार्च को राइजिंग राजस्थान की तिमाही पूरी हो जाएगी। इसमें तब तक 3 लाख करोड़ रुपए के एमओयू धरातल पर होंगे। हमने अगले राइजिंग राजस्थान की घोषणा भी की है। साथ ही हमने हर साल निवेश का ब्योरा देने की घोषणा की है। एमओयू धरातल पर आने पर उसकी फोटो भी कंप्यूटर पर आएगी। प्रदेश में कोने-कोने में विकास के लिए जिला स्तर पर भी राइजिंग राजस्थान का आयोजन हुआ।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान देश ही नहीं दुनिया में नंबर एक है। आईफा अवॉर्ड के रजत जयंती महोत्सव के माध्यम से राजस्थान के विरासत की प्रशंसा हुई हैं। आईफा के माध्यम से राजस्थान के पर्यटन को बूम मिलेगा लेकिन दुर्भाग्य से विपक्ष नेताओं ने इस बारे में अपनी आदत के अनुसार जो टिप्पणियां की वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं । प्रतिपक्ष नेता को भरतपुर से ज्यादा प्रेम है। छोटे कामों का ये लोग मजाक उड़ाते है। आपको होटल बनाने, मॉल बनाने की आदत है। मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में कहा कि हमसे बैर रखो या न रखो ये आपकी मर्जी, जनहित के कार्यों में सहयोग करो ये अर्जी है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को चिढ़ाते हुए कहा कि आपकी तो सिर्फ दो राज्यों में सरकार है,जबकि हम देश में करीब-करीब हर राज्य की सरकार में मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष अधूरी तैयारी के साथ अपनी बात रख रहा है। अब जनता ने भी इनके लिए मन बना लिया है कि ये गलियां ये चौबारा, यहां आना ना दोबारा… नेता प्रतिपक्ष को आजकल अलवर छोड़ भरतपुर से अधिक लगाव हो गया है। अपनी हर बात के दृष्टांत में भरतपुर का नाम लेते हैं। अब ये उनका भरतपुर से लगाव है या मेरे से पता नहीं या फिर मेरे बंशीवाले ने इनको भी आकर्षित कर लिया है।शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 8 करोड़ जनता के लिए काम कर रही हैं। हमने 4000 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान पंचायती राज संस्थान को किया है। नेता प्रतिपक्ष अपने गिरेबान में झांकते तक नहीं। प्रस्ताव आप दोगे, घर थोड़ी लेने आएंगे। दूसरों पर बिना तथ्य अनर्गल टिप्पणी करना कांग्रेस संस्कृति का अभिन्न अंग है। कांग्रेस के नेता ने क्रिकेट टीम के कप्तान और अद्वितीय खिलाड़ी को भी नहीं बख्शा। पीएम मोदी ने कोरोना काल में 100 से अधिक देशों को सहायता पहुंचाई लेकिन विपक्ष के नेताओं ने तारीफ तो छोड़िए, उसकी केवल आलोचना ही की। प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की 5 वर्ष में 4148 घोषणा में से अभी भी आधी 1921 अपूर्ण है। आपके साथी आते है कहते है कि घोषणा हुई है।बातें तो बहुत करते है, जमीन पर करके दिखाना पड़ता है। उन्होंने सवाल किया एमएलए लेड फंड में पहले कभी 23 करोड़ रुपए मिले हैं ? मुख्यमंत्री शर्मा ने शेखावाटी अंचल में यमुना जल पहुंचाने के बारे में बताया कि 5 मार्च को हरियाणा सरकार द्वारा संयुक्त डीपीआर तैयार करने हेतु टास्क फोर्स का गठन कर दिया हैं। आगामी 4 महीने में डीपीआर बन जाएगी।
अब देखना है राजस्थान के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं को राज्य सरकार द्वारा कितनी जल्दी जमीन पर उतारा जाएगा?