रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा कोषागार से वेतन, पेंशन आहरण प्रकरण पर मुख्य सचिव एवं पेयजल सचिव से वार्ता हुयी।
मोर्चा संयोजक रमेश बिंजोला ने अवगत कराया कि मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर इस बात को स्वीकार किया कि उत्तराखंड पेयजल निगम एवं उत्तराखंड जल संस्थान का राजकीयकरण होना आवश्यक है। जिससे कि राज्य की जनता को सुचारु रूप से पेयजल की व्यवस्था की जा सके।
वार्ता में यह भी तय किया गया कि जब तक दोनों विभागों का राजकीयकरण किया जाता है तब तक कर्मचारियों को वेतन, पेंशन कोषागार से दिया जाए। उनके द्वारा दूरभाष पर पेयजल सचिव से वार्ता कर विषय को तुरंत वित्त एवं कैबिनेट में लिए जाने की बात की गयी।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा कोषागार से वेतन, पेंशन आहरित किए जाने हेतु दोनों विभागों से समिति के माध्यम से सहमति मांगी गयी थी। पेयजल निगम एवं जल संस्थान द्वारा अपनी सहमति शासन को दे दी गयी है।
मोर्चा पदाधिकारियों की पेयजल सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से हुयी वार्ता में उन्होंने आश्वस्त किया कि दोनों विभागों के राजकीयकरण हेतु अथक प्रयास किए जा रहे हैं। विभागों से सहमति प्राप्त होने पर यह विषय तुरंत ही वित्त एवं कैबिनेट में पहुंचाया जाएगा।
वार्ता में मोर्चा संयोजक विजय खाली, मुख्य संयोजक जितेन्द्र देव सिंह, गढ़वाल संयोजक शिशुपाल सिंह रावत एवं लक्ष्मीनारायण भट्ट उपस्थित रहे।