ओलंपिक रजत विजेता नीरज लुसाने में सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दूसरे स्थान पर रहे

Olympic silver winner Neeraj gave his best performance of the season and finished second in Lausanne

  • तीसरे स्थान पर चल रहे नीरज को डायमंड लीग फाइनल में स्थान बनाने के लिए शीर्ष छह में रहना होगा
  • जेवलिन थ्रोअर नीरज बोले, अपने अंतिम प्रयास में अपने करियर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ थ्रो से खुश हूं

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता भारत के 26 वर्षीय धुरंधर जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा लुसाने में अपना सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर अपने अंतिम प्रयास में 89.49 मीटर दूर जेवलिन फेंकने के बावजूद लुसाने डायमंड लीग में बृहस्पितवार को एक बार फिर शीर्ष स्थान से चूक दूसरे स्थान पर रहे। पेरिस ओलंपिक में नीरज के बाद तीसरे स्थान पर रहने वाले ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स अपने अंतिम प्रयास में 90.61मीटर दूर जेवलिन फेंक बृहस्पतिवार को लुसाने में पहला स्थान पाया जबकि जर्मनी के जूलियन वेबर 87.08 मीटर दूर फेंक कर तीसरे स्थान पर रहे। नीरज चोपड़ा का जेवलिन थ्रो में निजी रूप से सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर है। नीरज को बृहस्पतिवार को डायमंड लीग सहित पेरिस ओलंपिक सहित एक पखवाड़े के भीतर दुनिया के दो सबसे बड़े मुकाबलों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद वह दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद इस बात का मलाल रह गया की उनकी 90 मीटर अथवा इससे भी दूर जेवलिन फेंकने की साध अधूरी रह गई।

फिलहाल जांघ की मांसेशियों में खिंचाव से जूझ़ते भारत के नीरज चोपड़ा बृहस्पतिवार डायमंड लीग में पूरे मुकाबले में अपने पूरे रंग मे न होने के बावजूद 89.49 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर दूसरा स्थान पाने में तो सफल रहे लेकिन इसके बावजूद खुद से खफा दिखे। 2020 में टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से नीरज लगातार 20 टूर्नामेंट में शीर्ष दो में रहे। एक बार 90 मीटर से दूर जेवलिन फेंकने की हसरत अधूरी रहने की कसक ने उनकी इस जीत का मजा किरकिरा कर दिया ।

नीरज चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को लुसाने में दूसरे स्थान पर रह सात अंक हासिल किए और वह जर्मनी के वेबर के साथ डायमंड लीग तालिका में कुल 15 अंकों के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। वहीं पीटर्स बृहस्पतिवार को पहले स्थान पर रहकर अब कुल 21 अंकों के शीर्ष पर हैं। बृहस्पतिवार को सातवें स्थान पर रहे याकूब वेदेलिव 16 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।नीरज ने बृहस्पतिवार को पेरिस ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन किया जहां उन्होंने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ जेवलिन थ्रो कर रजत पदक जीता था। पाकिस्तान के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ नया ओलंपिक रेकॉर्ड बना नीरज चोपड़ा को दूसरे स्थान पर धकेल पेरिस में स्वर्ण पदक जीता था। मौजूदा चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा को डायमंड लीग 2024 सीजन फाइनल में पहुंचने के लिए सीरीज में शीर्ष छह में रहना होना होगा। नीरज को अपना बीते बरस जीते अपने डायमंड लीग खिताब को बरकरार रखने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा। नीरज ने बृहस्पतिवार से पहले इस सीजन में एक डायमंड लीग में शिरकत की थी । 10 मई को दोहा में डायमंड लीग मुकाबले में भी नीरज चोपड़ा दूसरे स्थान पर रहे थे। जेवलिन में डायमंड लीग का अगला मुकाबला अब 5 सितंबर को ज्यूरिख में होगा और फाइनल 14 सितंबर को ब्रसेल्स में होगा। नीरज चोपड़ा को डायमंड लीग में फाइनल में शीर्ष छह में फिनिशर में रहना होगा।

भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा बृहस्पतिवार को लुसाने डायमंड लीग में शुरू से संघर्ष करते दिखे। नीरज ने अपने पांचवें प्रयास में 86.58 मीटर दूर जेवलिन फेंका। नीरज जानते थे कि बृहस्पतिवार को डायमंड लीग में शीर्ष तीन में रहना है तो उन्हें अपने अंतिम प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा और इसी के मुताबिक प्रदर्शन कर उन्होंने 89.49मीटर दूर जेवलिन फेंक कर पेरिस ओलंपिक से भी बेहतर प्रदर्शन किया।नीरज बावजूद इसके वह 90.61 मीटर दूर जेवलिन फेंकने वाले एंडरसन पीटर्स को पीछे छोड़ने से चूक गए।

लंबे समय से जांघ की मांसपेशी में चोट से जूझ रहे 2020 में टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इसी महीने के पहले हफ्ते में 89.45 मीटर दूर जेवलिन फेंक रजत पदक जीता था। बावजूद इसके नीरज की 90 मीटर और इससे दूर जेवलिन फेंकने की हसरत अभी भी अधूरी है। नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘मैं शुरू में बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। फिर भी मैं अपनी खासतौर पर अपने अंतिम प्रयास में अपने करियर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ थ्रो से खुश हूं। मेरा बृहस्पतिवार को डायमंड लीग में आगाज अच्छा नहीं रहा पर मुझे इस बात की खुशी जरूर है कि मेरी वापसी अच्छी रही। मैं खुद दिखाए अपने जीवट से खुश हूं। हालांकि मेरे शुरू के थ्रो 80 से 83 मीटर के करीब के रहे। मैंने बढ़िया समापन के लिए अपने अंतित दो प्रयासों में पूरी ताकत झोंक दी। इस तरह के बड़े मंच पर मुकाबले के लिए अहम है जेहनी तौर पर मजबूत होना और आखिरी क्षण तक जूझने का दम दिखाना।’