उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को संभालने के लिए अयोग्य हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए : मौलाना हसन अली रजनी

Omar Abdullah is unfit to handle Jammu and Kashmir, so he should resign: Maulana Hasan Ali Rajni

मुंबई में बांद्रा पश्चिम रेलवे स्टेशन के सामने पहलगाम में शिव सेना के बैनर तले आतंकवाद पर एक कार्यक्रम में मौलाना हसन अली रजनी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को संभालने के लिए अयोग्य हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

रविवार दिल्ली नेटवर्क

मुंबई : मुंबई में बांद्रा पश्चिम रेलवे स्टेशन के सामने शिव सेना के बैनर तले पहलगाम में आतंकवाद पर एक कार्यक्रम में मौलाना हसन अली रजनी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को संभालने के लिए अयोग्य हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। शिया धर्मगुरु मौलाना हसनअली राजाणी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि पहलगाम में अट्ठाईस निर्दोष लोगों की हत्या करके आतंकवादियों ने भारत के करोड़ों मुसलमानों को भारी नुकसान पहुंचाया है तथा पूरी दुनिया में मुसलमानों और इस्लाम का नाम बदनाम किया है, जिसका खामियाजा न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों को भुगतना पड़ेगा। जिस तरह से शिया विद्वानों ने फिलिस्तीन में प्रवेश कर के अमेरिका और इजरायल के साथ गलबहियां कीं, उसके परिणामस्वरूप अब तक लाखों फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और अब फिलिस्तीनी अधिकारों का हनन हो रहा है। जिस पर कोई बोलने की हिम्मत तक नहीं करता, ऊस प्रकार ईरान पूरे विश्व का माहौल खराब करना चाहता है और फिलिस्तीन जैसे हालात पैदा करना चाहता है, इसीलिए मैं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के उस बयान का समर्थन करता हूं जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को कड़ी सजा दी जाएगी। मौलाना राजाणी ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में हिंदुस्तान जिंदाबाद नहीं कह सकते और जम्मू-कश्मीर में हमें ईरान जिंदाबाद के नारे के साथ ईरान के समर्थन में बयान देना पड़ता है, और अगर हम बयान नहीं देंगे तो दिल्ली में ईरान कल्चर हाउस के गुंडे और मुंबई में नजफी हाउस के गुंडे जान से मार देंगे। मौलाना राजाणी ने कहा कि मैं २०२४ के चुनाव में श्रीनगर सीट से चुनाव लड़ने के लिए में खुद खड़ा हुआ था और उस समय मुंबई के नजफी हाउस के गुंडे और दिल्ली के ईरान कल्चर हाउस के गुंडे चुनाव कार्यालय में घुस आए और मुझे बुलाकर बंदूक दिखाई और मैंने रोते हुए जम्मू-कश्मीर के चुनाव आयुक्त से शिकायत की और उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी मुझसे दो कदम की दूरी पर थे। हालांकि वे इस घटना से अनभिज्ञ थे, लेकिन पिता-पुत्र के चेहरे पर बहुत खुशी थी, जिसकी झलक भारत के कई राष्ट्रीय चैनलों ने दिखाई, जिससे साफ पता चला कि बाहरी हस्तक्षेप के कारण कश्मीर में हालात बिगड़ रहे हैं। मौलाना राजाणी ने कहा कि मुझे नजफी हाउस मुंबई के एजेंटों का फोन आया कि नजफी हाउस मुंबई के समलैंगिक शिया विद्वान कश्मीर से सुंदर लड़कियां चाहते हैं और इसी तरह ईरान के समलैंगिक शिया विद्वान कश्मीर से सुंदर लड़के चाहते हैं। जिसके जवाब में मैंने कहा, “तो में कया करू?” तो उन्होंने कहा, “चुनाव में मत खड़े होइए, बस सुंदर लड़कों के पीछे काम कीजिए और उन के ज़रिये से सुंदर लड़कियां लाकर हमारे पास भेजिए।” हम उन्हें दिल्ली, मुंबई में फ्लैट मुहैया कराएंगे और उन के पीछे काम करके जम्मू-कश्मीर में कोई मुख्यमंत्री नहीं। बलके हम जम्मू कश्मीर में अपना शिया प्रधानमंत्री बनाएंगे, जैसे कि फिलीस्तीन आदि में हमारा प्रतिरोध जारी है और जल्द ही हम फिलीस्तीन में अपने झंडे गाड़ देंगे और अपने शिया प्रधानमंत्री बना देंगे। जिसके जवाब में मैंने कहा कि मैं कोमोरोस गया और देखा कि हमारे शिया मौलाना ईरान के पैसे से प्रधानमंत्री बन गए हैं, लेकिन वे खुद जब मे मेडागास्कर के डेगोस शहर में नमाज पढ़ाने गया था, तो वह वहां यह तुम्हारा शिया मौलाना प्रधान मंत्री भीख मांगने आता था , जिस पर उन्होंने कहा कि कोमोरोस में पैसा नहीं है, उस वजा से फ्रांस ने इसे छोड़ दिया, तो हम कोमोरोस को कैसे संभालेंगे, और जम्मू और कश्मीर कोई बड़ा राज्य नहीं है, जम्मू और कश्मीर भारत का एक छोटा सा टुकड़ा है। मौलाना रजनी ने कहा कि अब तक इन दोनों शिया संस्थाओं ने कारगिल और कश्मीरियों को दिल्ली, नोएडा और मुंबई तथा मुंबई के आसपास कई अन्य स्थानों पर हजारों करोड़ रुपये के फ्लैट उपलब्ध कराए हैं। मौलाना रजनी ने कहा कि अगर मेरी मॉब लिंचिंग की जांच हो तो उन कश्मीरियों और कारगिलियों के नाम सबसे ऊपर होंगे, जिन्हें मुंबई और दिल्ली के शिया आतंकी संगठनों ने फ्लैट दिए हैं, हालांकि भारत के सभी समलैंगिक शिया विद्वान आपस में बड़ा कारोबार कर रहे हैं और अब उनके पद इतने बड़े हो गए हैं कि अब वे खुद कहते हैं कि हम सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर से बात करते हैं। अंत में मौलाना हसनअली राजाणी ने कहा कि मुंबई स्थित शिया संस्था नजफी हाउस और दिल्ली स्थित शिया संस्था ईरान कल्चर हाउस के समलैंगिक विद्वानों को पहलगाम की घटना पर जश्न नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि अब भारत ने कार्रवाई कर दी है, भारत अपराधियों को सजा जरूर देगा। मौलाना राजाणी ने साफ कहा कि अगर भारत सरकार मुंबई में शिया संस्था नजफी हाउस डोंगरी और दिल्ली में शिया संस्था ईरान कल्चर हाउस की सीबीआई जांच नहीं कराती है तो हमारे देश के हालात फिलिस्तीन और पाकिस्तान से भी बदतर हो जाएंगे और खुद ईरान भी भारत में खुलकर हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं कर पाएंगा और भारत में सभी मुसलमानों की स्थिति फिलिस्तीन जैसी हो जाएगी और हमारे सभी समलैंगिक मौलवी और हजारों समलैंगिक शिया मुसलमान मारे जाएंगे। इसलिए भारत सरकार के अलावा लोगों को भी जाग जाना चाहिए और यह समझ लेना चाहिए कि आपके असली दुश्मन हिंदू नहीं बल्कि हमारे ही बिस्तर में छुपे हुवे खटमल हैं जो आखिरी पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) के समय से हमारे जैसे विद्वानों का भेष धारण किए हुए हैं।