राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर देहरादून में पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया की हुयी कार्यशाला

On the occasion of National Public Relations Day, a workshop of Public Relation Society of India was held in Dehradun

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर देहरादून में पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय ‘‘रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’’ रखा गया।

कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सी.ई.ओ. श्री विजय थपलियाल, अध्यक्ष पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर श्री रवि विजारनियां द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि ए.आई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी है।

श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि आज के तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने कहा कि ए.आई तकनीक का वर्तमान समय में जिस प्रकार से तेजी से विकास हो रहा है, उसमें हम सभी की जिम्मेदारी बन जाती है कि हम मनुष्यता की भावना को सर्वोपरि रखें। ए.आई तकनीक के उपयोग से समय की बचत होती है, उस समय का उपयोग हम किस प्रकार से करते हैं, यह भी हम सभी को समझना होगा।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के साथ-साथ परिवार एवं समाज से भी जुड़े रहें। किसी भी प्रकार की सूचना को आगे बढ़ाने या भेजने से पहले हमें एक बार विचार अवश्य करना होगा कि सूचना सही है या गलत। कोई भी गलत सूचना एक बार प्रसारित हो जाती है, तो उसका प्रभाव व्यक्ति एवं समाज दोनों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि ए.आई से कंटेट बनाया जा सकता है, लेकिन उसमें स्वयं के विचारों और अनुभवों का समावेश भी जरूरी है। ए.आई का जिम्मेदारी के साथ उपयोग, हम सभी का कर्तव्य है और इस बारे में अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि संयुक्त निदेशक, सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि जब भी नई तकनीक आती है, तो उसकी अपनी चुनौतियां होती है, साथ ही नये अवसर और नई संभावनाएं भी बनती हैं। आज जब सभी जगह ए.आई की होड सी लगी है, तब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ए.आई का किस सीमा तक उपयोग किया जाए। हमें यह भी सोचना होगा कि हम पूरी तरह से ए.आई पर ही निर्भर न हो जाएं, हमें अपनी क्षमता को बनाये रखना है। जनसंपर्क के क्षेत्र में ए.आई केवल सहयोगी की भूमिका तक ही सीमित रहे। ए.आई से होने वाले लाभ एवं दुष्परिणाम के संबंध में जन जागरूकता करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में न्यूज-18 चैनल के संपादक अनुपम त्रिवेदी ने कहा कि हम सभी को समझना होगा कि विज्ञान सुविधा देता है, तो समस्याएं भी देता है। उन्होंने कहा कि आज ए.आई का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि ए.आई के गलत उपयोग के कारण आज फेक न्यूज हम सभी के सामने बड़ी चुनौती है। इसके लिए जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क क्षेत्र में व्यक्तिगत संबंध ही महत्वूपर्ण है, इसमें ए.आई उतना उपयोगी सिद्ध नहीं हो सकता है।

बदरी केदार मंदिर समिति के सी.ई.ओ. विजय थपलियाल ने कहा कि ए.आई के दौर में हम ए.आई से सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इमोशन नहीं। इमोशन केवल मनुष्य के पास ही है। उन्होंने कहा कि हमें ए.आई तकनीक को वरदान या चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा।

कार्यशाला में तकनीकी विषय विशेषज्ञ के रूप में आकाश शर्मा ने ‘‘जनसंपर्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग” विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि ए.आई हमारा स्थान नहीं ले रहा है, बल्कि हमारे कार्य को अधिक प्रभावशाली बना रहा है। जनसंपर्क से जुड़े लोगों का काम है और ए.आई सिर्फ उसे तेज और सटीक बनाने में हमारी मदद करता है। इस दौरान उन्होंने ए.आई के विभिन्न टूल्स की जानकारी दी।

कार्यशाला में पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष श्री रवि विजारनिया ने सभी का स्वागत किया। रवि विजारनिया ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, सदस्य सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, राकेश डोभाल, अजय डबराल, दीपक शर्मा, प्रशांत रावत, ज्योति नेगी, शिवांगी, मनमोहन भट्ट, संजय सिंह, प्रताप सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।