डॉ.विक्रम चौरसिया
सच्चाई यही है की दुनियां में माता पिता व गुरु के बाद एक सच्चे मित्र का जीवन में होना बड़े भाग्य की बात होती है। जब हम मां के कोख में पल रहे होते है, तभी से हमारे रिश्ते नाते बनना प्रारंभ हो जाते है,इसी तरह एक प्यार सा रिश्ता दोस्ती की होती है, ये दोस्ती ऐसा गगन है जिसमें प्यार का चंद्र मुस्कुराता है। ध्यान से देखे तो लोकप्रिय होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, कुछ लोग आप के बहुचर्चित होने के कारण आप से जुड़ेंगे, लेकिन आप के सच्चे मित्र आप से हमेशा जुड़े रहेंगे, भले ही फिर आप लोकप्रिय हों या ना हों।
सचाई, ईमानदारी, परस्पर समझदारी, अमिट विश्वास, पारदर्शिता, समर्पण, सम्मान जैसे श्रेष्ठ तत्व दोस्ती की पहली जरूरत है,दोस्त वह विश्वसनीय शख्स होता है जिसके समक्ष आप अपने मन की अंतिम परत भी कुरेद कर रख देते हैं। एक सच्चा दोस्त आपके विकसित होने में सहायता करता है,उसका निश्छल प्रेम आपको पोषित करता है,जिसके साथ आप अपनी ऊर्जा व निजता बांटते हैं। आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपने जीवन में व्यस्त है, यहाँ तक कि उस के पास सोने तक का वक़्त नहीं होता,लेकिन एक सच्चे मित्र के पास हमेशा आप के लिए समय रहता है। यदि वह आप से फ़ोन पर बात करने का समय भी नहीं दे पाता, तो फिर ऐसे मित्र होने का क्या फायदा?
यह जरूरी नहीं कि दोस्ती केवल मनुष्य से ही की जाए,दोस्ती एक भावना होती है, जो जानवरों और निर्जीव चीजों से भी हो सकती है।दोस्ती के नाम पर कभी कभी ऐसे लोगों से भी सामना हो जाता है, जो केवल अपना हित साधने के लिए दोस्ती किया करते हैं ,अपनी आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ स्वार्थी लोग दोस्ती का दिखावा करते हैं और जैसे ही उनका हित निकल जाए, अपने काम में व्यस्त हो जाते है,यह दुनियां की वास्तविकता है कि अच्छे लोग अथवा अच्छे दोस्त अपवाद स्वरूप रह गए हैं, जो पूरे मन से रिश्ता निभाते हैं। दोस्ती के इस अटूट बंधन को देखते हुए ही विभिन्न देशों में मित्रता दिवस मनाया जाता है। अंत में यहां यही कहूंगा आपसे “सच्चा दोस्त सेहत के समान होता हैं जब हम उसे खो बैठते हैं तभी उसका महत्त्व जान पाते हैं।” कही ये भी पढ़ा था की “लंबे समय तक चलने वाली दोस्ती में एक चमत्कार जरूर होता है” इसीलिए आज ही आप भी अपने दोस्त को जरूर याद करे ।