हमारा राष्ट्र और धर्म सुरक्षित है तभी हम भी सुरक्षित रहेंगे: योगी

Only if our nation and religion are safe will we be safe: Yogi

संजय सक्सेना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बार फिर आक्रामक लहजा अपनाते हुए कहा जब तक हमारे धर्म सुरक्षित है,तभी तक हम भी सुरक्षित हैं। योगी यहां स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित विहंगम योग संत-समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह महोत्सव में शामिल होने के लिये आये थे। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा,‘ हर काम देश के नाम होना चाहिए, हमारा कोई व्यक्तिगत अस्तित्व नहीं है। यदि हमारा राष्ट्र सुरक्षित है, तो हमारा धर्म भी सुरक्षित रहेगा, यदि हमारा धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित रहेंगे। योगी आदित्यनाथ ने शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था। गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपनी आध्यात्मिक साधना के साथ-साथ सदगुरु सदाफल महाराज ने आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। योगी ने े कहा,’अकेले चुपचाप नहीं बैठ जाना है. एक कार्य पूरा हुआ तो अगले कार्य की शुरुआत कर देनी है, लेकिन हर कार्य देश के नाम, सनातन धर्म के नाम पर होना चाहिए। एक सच्चा संत देश और समाज की परिस्थितियों से हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप बैठा नहीं रह सकता है.’

इसी के साथ 13 जनवरी से प्रयागराज में प्रारम्भ होने जा रहे महाकुंभ का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक कुंभ यहां पर है, तो दूसरा महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से प्रारंभ होने वाला है. प्रयागराज महाकुंभ को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दिला दी है। यही नहीं यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी, 2024 को 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला फिर से विराजमान हुए हैं। पीएम मोदी के कार्यकाल में वाराणसी में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप देख रहे होंगे कि आज काशी एक नई काशी है. प्रधानमंत्री मोदी ने 10 वर्षों में काशी को चमका दिया है। आज काशी में नमो घाट है। देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा घाट है, जहां हेलीपैड भी है। काशी में देव मंदिरों का कायाकल्प हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य- चाहे सड़क, रेल और वायु सेवा की कनेक्टिविटी हो, जो 2014 से पहले था उससे 100 गुना बेहतर अब है. अब काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग करते हुए भी अपनी यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं।