अपराध के खिलाफ ठोक देने वाली नीति और बहराइच हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर पर विपक्ष ने खोला मोर्चा

Opposition opens front on crackdown policy against crime and encounter of Bahraich violence accused

प्रीति पांडेय

बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पांच आरोपियों को गुरुवार दोपहर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए हैं. ये मुठभेड़ भारत-नेपाल सीमावर्ती नानपारा कोतवाली क्षेत्र में सरयू मुख्य नहर के निकट हाड़ा बसेहरी में हुई.

बहराइच में राम गोपाल मिश्रा के हत्यारों के एनकाउंटर के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है। इस एनकाउंटर को फिर से धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है। यूपी पुलिस द्वारा बहराइच हिंसा मामले में किए गए एनकाउंटर पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े करने शुरु कर दिए है. पुलिस जहां अपनी कार्रवाई के बाद अब तक मामले में 6 की गिरफ्तारी की बात कह रही है, जिनमें दो आरोपियों के पैर में गोली लगी है. वहीं अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने एनकाउंटर किया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी की ठोक देंगे वाली नीति को खतरनाक बताया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आरोप लगा रहे है कि यूपी सरकार फर्जी एनकाउंटर करा रही है।

बहराइच एनकाउंटर : अपराध अगर किया है तो जमीन के अंदर रहना पड़ेगा या जेल में- ओ.पी. राजभर
बहराइच एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओ.पी. राजभर ने कहा, “जब पुलिस किसी को पकड़ने जाएगी और उनके ऊपर कोई गोलियों की बौछार करेगा तो क्या पुलिस उसे माला पहनाएगी या उस पर फूलों की वर्षा करेगी?… जिंदा या मुर्दा, उन्हें(अपराधियों को) पकड़ना है. अपराध अगर किया है तो जमीन के अंदर रहना पड़ेगा या जेल में… देश-प्रदेश में व्यवस्था रहनी चाहिए.”

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य की कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. बहराइच हिंसा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त लोगों और दंगों की साजिश रचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस पर गोली चलाने वालों को परिणाम भुगतने होंगे. बहराइच की घटना में संलिप्त लोगों के लिए बेहतर होगा कि वे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दें.

सपा-कांग्रेस ने उठाए मुठभेड़ पर सवाल

पुलिस मुठभेड़ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गयी है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस मुठभेड़ की वास्तविकता पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘‘इस मुठभेड़ और इससे पहले हुई अन्य मुठभेड़ों की प्रामाणिकता संदिग्ध है. ये मुठभेड़ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए महज दिखावा लगती हैं.’’

“दुकानें जलाने वाले दंगाइयों को भी मिले सज़ा”- इमरान मसूद
वहीं कांग्रेस ने बहराइच एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार अपनी विफलता को छिपाने फर्ज़ी एनकाउंटर करा रही है.
वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “दुकानें जलाने वाले दंगाइयों को भी सज़ा होनी चाहिए. दंगाइयों को किसी धर्म से क्यों जोड़ते हो? जिन्होंने पूरा बाज़ार जला दिया और महिलाओं से बदसलूकी की, उनका भी इलाज करना चाहिए.”
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बहराइच एनकाउंटर पर कहा, “सरकार शुरू से ही फर्जी एनकाउंटर करा रही है… वे सिर्फ अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं…”

सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही हैं-अखिलेश यादव
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बहराइच हिंसा मामला पर कहा, “लगातार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और ये घटनाएं सरकार की नाकामी के कारण हो रही हैं. सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही हैं. एनकाउंटर, हाफ एनकाउंटर, और भी कई परिभाषाएं हैं जो सरकार ने बनाई है. अगर एनकाउंटर से ही कानून-व्यवस्था बेहतर हो रही होती तो अभी उत्तर प्रदेश कई आंकड़ों में दूसरे प्रदेशों से अच्छा होता… यह प्रशासनिक विफलता थी कि जब वहां होने वाले कार्यक्रम पुलिस की जानकारी में थे तो आखिरकार वे शांतिपूर्ण तरीके से कार्यक्रम संपन्न क्यों नहीं करवा पाए?… एनकाउंटर करना और नफरत को बढ़ावा देना, यह इस सरकार के काम करने का नया तरीका है… यह कहां की न्याय व्यवस्था है?… ” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘सरकार ने प्रदेश की पुलिस को बिगाड़ दिया है. पुलिस का यही तरीका बन गया है, जब कभी जांच होगी तो बहुत से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और वे जेल भी जाएंगे.’’ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी जिले का मामला है आप मुझसे बेहतर जानते होंगे कि यह घटना हुई नहीं है बल्कि कराई गई है.

आरोपियों को कानूनी सजा दिलाने की कोशिश होती- ओवैसी

ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘बहराइच हिंसा के आरोपियों का पुलिस से एनकाउंटर का सच जानना मुश्किल नहीं है। योगी की ठोक देंगे नीति के बारे में सब जानते हैं। अगर पुलिस के पास इतना सबूत होता तो आरोपियों को कानूनी सजा दिलाने की कोशिश होती।’

मुस्लिमों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप

इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बहराइच मामले में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बहराइच में हिंसा के बाद मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई हो रही है. गांव में मुस्लिम युवकों की एकतरफा गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं, जबकि एक मुस्लिम के घर में घुसकर उसकी पिटाई करने और घर की छत पर भगवा झंडा फहराने वाले असली अपराधी उत्पात में लगे हुए हैं. पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.मदनी ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.

अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि यूपी के बहराइच में बवाल के दौरान मारे गए राम गोपाल मिश्रा के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, गुरुवार को पुलिस की दो नामजद आरोपियों के साथ मुठभेड़ हो गई। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में रामगोपाल मिश्रा की हत्या मामले में बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके नाम मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल हैं.

मुठभेड़ में सरफराज और तालीम घायल
पुलिस मुठभेड़ में सरफराज और तालीम नाम के दो आरोपी घायल हो गए। ये मुठभेड़ तब हुई जब दोनों आरोपियों को हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के लिए नानपारा ले जाया गया थ। जहां पहले से छिपाकर रखे हथियारों से आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने दावा किया, आरोपियों ने उसी ‘डबल बैरल’ बंदूक से पुलिस पर गोलियां चलायीं. आत्मरक्षा में पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में सरफराज और तालीम को गोली लगी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाकी तीन आरोपी अब्दुल हमीद, उसका बेटा फहीम तथा मोहम्मद अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि इस मुकदमे के अब तक 10 में से छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी चार आरोपियों की तलाश की जा रही है. मुठभेड़ में घायल सरफराज और तालिब को पहले नानपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को बहराइच जिला अस्पताल रेफर किया गया. इनमें से एक के बाएं पैर में और दूसरे के दाएं पैर में चोट आई है. हालांकि, उनकी हालत खतरे से बाहर है. डॉक्टरों का कहना है कि गोली अब भी शरीर के अंदर है. दोनों को बहराइच के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.

पुलिस पर फायरिंग कर नेपाल भागने की थी प्लानिंग
जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी है। आरोपियों की प्लानिंग पुलिस पर फायरिंग करके नेपाल भागने की थी। लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो सके। वहीं, अब इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष एनकाउंटर को यूपी सरकार की साजिश बता रहा है। वहीं, सरकार इसे कानून का राज बताने में लगी है।

दुर्गा विसर्जन के दौरान भड़की थी हिंसा

दरअसल महसी तहसील के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान एक प्रार्थना स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई थी और इस दौरान गोली लगने से 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई और गुस्साई भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग लगा दी.

इस बीच, बहराइच हिंसा में गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने के आरोपी मकान मालिक अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने एक वीडियो में कहा, ‘‘बुधवार शाम चार बजे मेरे पिता अब्दुल हमीद, मेरे दो भाइयों सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष कार्य बल पकड़कर ले गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पति और मेरे देवर को पहले ही पुलिस ले गई थी. किसी भी थाने से उनकी कोई खबर नहीं मिल रही है. हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं.’’