हिंदी भवन में वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव और डॉ. प्रमिला वर्मा की पुस्तक पर चर्चा का आयोजन

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच, दिल्ली इकाई के तत्वावधान में 18 मई 2023 को दिल्ली के हिंदी भवन सभागार में संध्या 4:00 बजे वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव की पुस्तक ‘कैथरीन और नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया’ और डॉ. प्रमिला वर्मा की पुस्तक “कहानी ब्रिटिश सैन्य अधिकारी के प्रेम और जज़्बात की” ‘राबर्ट गिल की पारो’ पर चर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ लघुकथाकार बलराम अग्रवाल ने कहा कि संतोष जी की भाषा कहीं-कहीं बहुत प्रांजल और बड़ी ईमानदार नज़र आती है। न केवल नागा साधु बल्कि अघोरी पंथ, शक्तिपीठ और महाकुंभ का बहुत ही जानकारी युक्त वर्णन किया है। निश्चय ही यह नागा साधुओं पर लिखा पहला उपन्यास है।

संतोष श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में इस उपन्यास को लिखने के अपने उद्देश्य ,प्रक्रिया और शोध कार्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस उपन्यास को लिखने में उन्हें 10 वर्ष लगे। बिना किसी सन्दर्भ सूत्र के नागाओं के प्रत्यक्ष अनुभवों को इसमें समेटा है।

प्रमिला वर्मा ने उपन्यास के विषय में बताया कि उन्होंने अजिंठा ग्राम जाकर तथ्यों को इकट्ठा किया और लंदन से रिसर्च पेपर मंगवा कर इस उपन्यास पर शोधात्मक कार्य किया।

राबर्ट गिल की पारो पर डॉ.शुभ्रा ने अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी दी और कहा कि लेखिका ने 1824 से 1869 तक के ब्रिटिश काल को बहुत गहन अध्ययन के पश्चात अपने उपन्यास में पेश किया है।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं व्यंग्ययात्रा के संपादक प्रेम जनमेजय ने दोनों ही उपन्यासों पर अपनी आलोचनात्मक दृष्टि प्रगट की।उन्होंने कहा कि दोनों ही उपन्यासों की एक बात मिलती-जुलती है कि दोनों ही शोध परक हैं और प्रेम पर आधारित हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं नया ज्ञानोदय के पूर्व संपादक हीरालाल नागर ने दोनों ही उपन्यासों को ऐतिहासिक दस्तावेज बताया।

लखनऊ से आए विशिष्ट अतिथि प्रणाम पर्यटन के संपादक वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव ने रॉबर्ट गिल की पारो के लिए कहा कि अजंता की गुफाओं के भित्ति चित्रों को खोजने और उस पर कार्य करने के लिए रॉबर्ट गिल पर लिखी यह प्रथम पुस्तक है।

वरिष्ठ कवि तथा अनुस्वार पत्रिका के संपादक एवं प्रकाशक इंडिया नेट बुक्स के डॉक्टर संजीव ने दोनों ही पुस्तकों को ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हुए अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का आरंभ श्रीमती वंदना रानी दयाल की गाई सरस्वती वंदना तथा दिल्ली विश्व मैत्री मंच की पूर्व निदेशक डॉ सविता चड्ढा के स्वागत वक्तव्य से हुआ।

दिल्ली विश्व मैत्री मंच की अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला मित्तल ने संस्था के उद्देश्य सबके समक्ष रखे।

कार्यक्रम का अभूतपूर्व संचालन डॉक्टर कल्पना पांडे नवग्रह ने किया।

सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए वीणा अग्रवाल ने सुंदर पंक्तियां सुना कर कार्यक्रम का समापन किया।

कार्यक्रम में दिल्ली महानगर एवं एनसीआर क्षेत्र से पधारे पत्रकार एवं संपादकों की उपस्थिति रही।

प्रस्तुति श्रीमती शकुंतला मित्तल