रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : राजभवन में उत्तराखंड पर्यटन विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों ने पर्यटन विकास हेतु किए जा रहे कार्यों का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन एक वरदान के रूप में है। हमें वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप अवस्थापना सुविधाएं और यहां के पर्यटन स्थलों का विकास करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि अछूते पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने के साथ ही यहां स्थित पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। हमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन, वेलनेस और प्राकृतिक एवं जैविक कृषि के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। वहीं योग और आयुर्वेद के लिए देश और दुनिया के लोग यहां आ रहे हैं। इन सभी को पर्यटन के साथ जोड़ने की जरूरत है। चारधाम, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक तीर्थ स्थलों के साथ-साथ साहसिक पर्यटन की बेहतर संभावनाएं हैं, प्रत्येक व्यक्ति यहां आने के लिए आतुर है। राज्यपाल ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध औली में स्कीइंग को प्रोत्साहित किए जाने हेतु विशेष प्रयास की जरूरत है।
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद युगल किशोर पंत ने पर्यटन विकास से सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुमाऊं में मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुल 48 मंदिरों में कार्य कराए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अंतर्गत पहले चरण में 16 मंदिरों को लिया गया है।