सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : प्रीति की कहानी करियर के शुरू में टखने की गंभीर चोट और अभावों से जूझ कर अपने प्रेरणदाई नेतृत्च में भारत को दक्षिण कोरिया के खिलाफ काकामिगहारा(जापान) में फाइनल में 2-1 से जीत दिला कर पहली बार जूनियर महिला हॉकी एशिया कप जीत इतिहास रचने वाली हॉकी को करियर के रूप में देखने वाली भारत की बालाओं के प्रेरक गाथा है। प्रीति भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम के जापान से सोमवार देर रात बेंगलुरू पहुंचने पर साई, बेगलुरू के अधिकारियों द्वाररा किए जोरदार स्वागत से अभिभूत है।
प्रीति भारत की सीनियर हॉकी टीम की कप्तान गोलरक्षक सविता पूनिया और मोनिका के खेल और जज्बे की मुरीद है। प्रीति ने कहा, ‘ जूनियर एशिया कप के लिए जापान होने से पहले मोनिका की अंत तक हार न मानने की सलाह और सविता दीदी की धैर्य से जूनियर टीम की सभी लड़कियों को साथ लेने की सलाह बहुत काम आई। जूनियर एशिया कप से इस साल के आखिर मेंं सांतियागो (चिली) में एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करना हमारा बेशक हमारी बड़ी उपलब्धि है। मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि हर किसी ने हमारी जूनियर महिला एशिया कप जीतने की उपलब्धि को दिल खोल कर सराहा। हम साई,(भारतीय खेल प्राधिकरण), टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) और नैशनल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस(एनसीओई), ओडिशा सरकार, हॉकी इंडिया सभी के सहयोग के लिए आभारी हैं। इन सभी के सहयोग के बिना यह मुमकिन नहीं था। अब हमारा ध्यान जूनियर महिला हॉकी विश्व कप से पहले अपनी गलतियों को सुधार अपना खेल बेहतर करने पर है।’
जू. एशिया कप की जीत जू. विश्व कप में पदक जीतने के संकल्प को मजबूत करेगी: दीपिका
वहीं भारत की उपकप्तान कप्तान दीपिका ने कहा, ‘ हमारी भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की हमारी ज्यादातर लड़कियां कमजोर आर्थिक पृष्ठïभूमि से आती है। हमें साई, बेंगलुरू में, टॉप्स और एनसीओई की ट्रेनी के रूप चाहे वह खाना,नवीनतम ढांचागत सुविधाएं, विश्व स्तरीय कोचिंग के रूप में हमें घर से बेहतर सुविधाएं मिलीं। हम अभ्यास के लिए इन बेहतरीन सुविधाओं के बिना जूनियर महिला एशिया कप में इतना बेहतरीन नहीं कर पाते। जूनियर महिला हॉकी एशिया कप की यह खिताबी जीत हमें जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में पदक जीतने के हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी’।