हमारा जोर बतौर टीम हाई स्पीड अटैक और मजबूत डिफेंस पर : वंदना कटारिया

Our emphasis as a team is on high speed attack and strong defense: Vandana Kataria

  • हमारी ताकत छोटे छोटे पासों के साथ जोरदार जवाबी हमले
  • टीम हॉकी कौशल के साथ रफ्तार और फिटनेस पर मेहनत कर रही है
  • लक्ष्य एशियन चैंपियंस ट्रॉफी व एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर खिताब जीतना

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : मॉडर्न हॉकी को करीब से समझने वाली भारत की सबसे तेज तर्रार महिला स्ट्राइकर हैं 32 बरस की वंदना कटारिया। वह भारत की 2016 में रियो और 2020 में टोक्यो ओलंपिक में शिरकत कर चौथे स्थान पर रही टीम के साथ वह 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में रजत तथा 2014 के इंचियोन और 2022 के संस्करणों कांसा तथा एशियन चैंपियंस (2016 में सिंगापुर) और 2023 में रांची में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम की अहम सदस्या रहीं। हरिद्वार में बीएचईएल से सटे छोटे से गांव रोशनाबाद से आकर वंदना का भारतीय महिला टीम की स्टार स्ट्राइकर का सफर उनके नाम के मुताबिक बतौर हॉकी खिलाड़ी ‘वंदना’ करने के ही काबिल हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए अब तक 317 अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच खेल चुकी वंदना को अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी गोल का ‘शतक’ पूरा करने के लिए मात्र दो गोल की जरूरत है। वंदना की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह चाहे अब फिर से भारतीय महिला हॉकी टीम के चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालने वाले हरेन्द्र सिंह हों या फिर नीदरलैंड के रोलैंट ओल्टमैंस, शुएर्ड मराइन अथवा यांकी शॉपमैन या फिर ऑस्ट्रेलिया के नील हागुड सभी के मार्गदर्शन में सभी की रणनीति के मुताबिक अपने खेल को ढाल कर खासतौर पर गोल करने की कला में माहिर होने के साथ टीम पर हमले के वक्त पीछे आकर अपने किले की चौकसी करने की क्षमता के कारण सभी की प्रिय रही हैं। अब अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी करियर के संभवत: आखिरी पड़ाव पर खड़ी वंदना कटारिया से उनके करियर और एक फिर पुराने हॉकी गुरू हरेन्द्र के भारतीय महिला हॉकी टीम के चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालने पर उनसे बेंगलुरू पर फोन पर हुई बातचीत।

वंदना कटारिया ने कहा, ‘हमें बेशक 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई न करने का मलाल है। अब हम लंबे अंतराल के हरेन्द्र (सिंह ) सर के एक बार फिर से भारतीय महिला हॉकी टीम के चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालने पर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में कामयाब होने के लिए सबसे जरूरी बेसिक्स और फिटनेस पर शिद्दत से मेहनत कर रहे हैं। हमारा जोर बतौर टीम हाई स्पीड अटैक और मजबूत डिफेंस पर है। हमारी ताकत छोटे छोटे पासों के साथ जोरदार जवाबी हमले हैं। हरेन्द्र सर ने हमें शिविर में यह बात बढ़िया ढंग से समझाई है कि आक्रमण के साथ मजबूत रक्षण बेहद जरूरी है। हरेन्द्र सर ने हमसे बराबर यही कहते हैं कि केवल तेज आक्रामण से एक या कुछ मैच जीते जा सकते हैं जबकि टूर्नामेंट जीतने के लिए तेज हमलों के साथ प्रतिद्वंद्वी के हमलों को नाकाम करने के लिए उसी तेजी से पीछे आकर अपनी रक्षापंक्ति की मदद जररी है। टीम हॉकी कौशल के साथ अपनी रफ्तार और फिटनेस पर सबसे ज्यादा मेहनत कर रही है। हम बतौर टीम हर समय अपना सर्वश्रेष्ठ देने को प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य अब अगले महीने राजगीर में अगले महीने होने वाली महिला एशियन ट्रॉफी व 2026 में एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर खिताब जीतना है।‘

उन्होंने कहा, ‘चीफ कोच हरेन्द्र सर के मार्गदर्शन में हमारी टीम की हर खिलाड़ी जोश से भरी है और हमारी टीम हर मंच पर देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने को बेताब हैं। सदाबहार गोलरक्षक सविता, आक्रामक मिडफील्डर नेहा गोयल व सलीमा टेट,ललरेमसियामी, नवनीत कौर और मेो, मोनिका व उदिता जैसी अनुभवी खिलाड़ियो के साथ संगीत कुमारी और मुमताज खान के रूप में कई बेहतरीन नौजवान खिलाड़ी हैं। हम टीम प्रतिभासम्पन्न नौजवान और अनुभवी खिलाड़ियों का आदर्श संतुलन है। हमारी सीनियर टीम की सभी लड़कियां हॉकी शिविर में जूनियर लड़कियों के साथ मिलकर अभ्यास करती हैं और हम जिस स्ट्रक्चर के खेलती हैं वे भी उसकी अभ्यस्त हो जाती हैं। हमारा जूनियर खिलाड़ियों के साथ तालमेल बढ़िया है। जब ये जूनियर खिलाड़ी सीनियर टीम में आती है तो उनसे तालमेल बैठाने में कोई दिक्कत नहीं आती है। हमारे चीफ कोच हरेन्द्र सर का जोर पूरी तरह फिट रह रणनीति और स्ट्रक्चर के मुताबिक खेलने पर है। हरेन्द्र बराबर यही कहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में बराबर कामयाब होने की पहली शर्त पर बढ़िया फिटनेस है। जब खिलाड़ी फिट होगी तभी वह किसी भी टीम पर रफ्तार से हमला बोलने के साथ अपनी टीम की रक्षापंक्ति में पूरी मदद कर पाएंगी। अब बतौर सीनियर खिलाड़ी मेरी भूमिका जूनियर खिलाड़ियों के साथ अनुभव बांट कर उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करना है।