हमारी टीम और बढ़ी उपलब्धि को हासिल करने के लिए है सही राह पर : श्रीजेश

  • फिलहाल लक्ष्य द. अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में बढिय़ा प्रदर्शन
  • आगे हमारा फोकस विश्व कप और पेरिस ओलंपिक पर

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत की पुरुष हॉकी टीम ने बीते बरस जर्मनी को टोक्यो ओलंपिक में सांसें रोक देने वाले मुकाबले में 5-4 से हराकर कांसा जीता था और इसमें टीम के अनुभवी गोलरक्षक पीआर श्रीजेश ने किले की चौकसी में अहम भूमिका निभाई थी। आठ बार की ओलंपिक चैंपियन रही भारतीय पुरुष हाकॅी का टोक्यो ओलंपिक का कांसा 1980 में मास्को ओलंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद ओलंपिक में यह पहला पदक था। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांसा जीतने के साथ विश्व हॉकी में अपनी खोई पहचान वापस पाने की ओर कदम बढ़ाए थे। फिलहाल भारतीय पुरुष हॉकी टीम और गोलरक्षक श्रीजेश बर्मिंघम में चल रहे राष्टï्रमंडल खेलों में सेमीफाइनल में शनिवार को देर रात यानी आधी रात के बाद खेले जाने वाले सेमीफाइनल के कमर कस चुके हैं। भारत को बीते बरस टोक्यो ओलंपिक में कांसा जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले गोलरक्षक पीआर श्रीजेश ने कहा, ‘मुझे यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हमें टोक्यो ओलंपिक में कांसा जीते एक बरस हो चला है क्योंकि यह क्षण हमारे लिए खास था। इससे देश की ओलंपिक हॉकी में फिर पदक जीतने की आस चार दशक के बाद पूरी हुई थी। अब हमारी टीम और बढ़ी उपलब्धि को हासिल करने के लिए सही राह पर है।’

श्रीजेश कहते हैं, ‘हमने टोक्यो ओलंपिक में हमने टीम के रूप में बहुत कुछ सीखा। इससे हमारी टीम को अपना खेल और बेहतर करने में बहुत मदद मिली। अब आगे हमारा पूरा फोकस 2023 में भुवनेश्वर-राउरकेला में होने वाले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप पर 2024 में पेरिस ओलंपिक पर है। हम उम्मीद करते हैं कि पेरिस ओलंपिक में हम टोक्यो ओलंपिक से भी आगे पहुंचने में कामयाब रहेंगे। फिलहाल हमारा लक्ष्य बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में बढिय़ा प्रदर्शन करने पर है। हमारी हाल ही की कामयाबी का बड़ा कारण हॉकी इंडिया की पेशेवर और ढांचागत सोच है। इससे बतौर खिलाड़ी और टीम हमारा खेल बहुत बेहतर हुआ हुआ है। मैं उम्मीद करता हूं कि आगे भी हॉकी इंडिया का सहयोग हमें इसी तरह मिलता रहेगा और इससे हम बेशक भारत के लिए हॉकी में और पदक जीतेंगे। हम ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक के भी आभारी है। नवीन जी ने भारत में हॉकी के बड़े टूर्नामेंट के आयोजन में अहम भूमिका निभाई और इससे हमें और बड़े मैच खेलने का मौका मिला। में भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल और युवा मामलों के मंत्रालय का भी उनके सहयोग के लिए आभारी हूं’।