-
आलेख
तुम्हारी औक़ात क्या है पीयूष मिश्रा – जीवन की खुली किताब
सुनील सक्सेना किसी की आत्मकथा क्यों पढ़ी जानी चाहिए ? क्या इसलिए कि वो नामचीन है, विख्यात है, पॉपुलर है ? क्या उसके जीवन में जो घटित हुआ है, उसे…
Read More » -
आलेख
संसद की धुरी ही देश के शासन की नींव है
ललित गर्ग अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस हर साल 30 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस लोकतांत्रिक सदनों की उन प्रक्रियों को सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता…
Read More » -
खेल
मेंटल कंडिशनिंग विशेषज्ञ पैडी अपटन भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ मिलकर काम करेेंगे
अपटन बोले, टीम की मानसिक मजबूती को बढ़ाने में योगदान करने के लिए उत्साहित एशियाई खेलों से पहले अपटन के साथ सत्र हौसला बढ़ाने वाला सत्येन्द्र पाल सिंह नई दिल्ली…
Read More » -
आलेख
हिंदी भाषा- साहित्य में बंगालेर अवदान: एक संग्रहणीय ग्रंथ
रावेल पुष्प हिंदी पत्रकारिता या फिर हिंदी साहित्य की अन्य विधाओं में भी बंगाल का अवदान एक खास मायने रखता है। वैसे इस विषय पर सामग्री कई स्रोतों से उपलब्ध…
Read More » -
आलेख
नई भाषा की ठसक
सन्दीप तोमर आज एक मित्र से फोन पर बात हो रही थी, उन्होने किसी अजय की सोशल साइट पर लिखी एक पोस्ट का हवाला देकर कहा- “आपने पढ़ी उनकी वह…
Read More » -
कारोबार
दिल्ली में बढ़ते अपराध और लूटपाट की घटनाओं पर सीटीआई ने व्यापारियों के लिए जारी की एडवाइजरी
दीपक कुमार त्यागी 500 मार्केट एसोसिएशन्स और 50 इंडस्ट्रियल एरिया को भेजे जायेंगे पत्र व्यापारियों को अपनी सुरक्षा पर खुद ध्यान देना होगा सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष…
Read More » -
आलेख
दिल भी मिले तो बने बात
रमेश सर्राफ धमोरा बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के प्रयासों से पटना में 15 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। बैठक में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री…
Read More » -
आलेख
पहलवान, सरकार, देश और नेतृत्व
सीता राम शर्मा ‘चेतन’ पुरानी कहावत है – सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते । देश के कुछ आंदोलनकारी पहलवान भूल-सुधार कर घर…
Read More » -
आलेख
क़ानून व्यवस्था सुदृढ़ होने के दावे और बेख़ौफ़ अपराधी
निर्मल रानी केंद्र व लगभग सभी राज्य सरकारों के ‘क़ानून व्यवस्था नियंत्रित’ होने के तमाम दावों के बावजूद प्रायः ऐसी अनेक घटनायें सामने आती रहती हैं जो इन सरकारी दावों…
Read More »