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राज्य
राज्योत्सव की खुशी हुई दुगनी,,,,देश का प्रथम *स्वामीनाथन इंडिया एग्रीबिजनेस अवार्ड्स-2022 छत्तीसगढ़ के “सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन” (चैम्फ) को
छत्तीसगढ़ में ही बीस साल पहले जन्म हुआ था “चैम्फ” का, बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी हैं इसके संस्थापक सदस्य भारत सरकार की कृषि मंत्रालय ने सन 2005 में चैम्फ…
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राजनीति
अध्यक्ष खड़गे के साथ कार्यकारी या उपाध्यक्ष रखना कांग्रेस के हित में है?
गोविन्द ठाकुर ‘अध्यक्ष खड़गे से साथ कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को लगाना कांग्रेस के हित में होगा.. सवाल है,..क्या इससे पार्टी में पावर सेंटर नहीं बनेंगे….अगर कार्यकारी या उपाध्यक्ष नही…
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राज्य
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को (मरणोपरान्त) अणुव्रत पुरस्कार
नीति गोपेंद्र भट्ट नई दिल्ली/छापर(राजस्थान) : अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सानिध्य के राजस्थान के छापर में आयोजित अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय अणुव्रत अधिवेशन और पुरस्कार एवं सम्मान…
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आलेख
पत्रकारिता का गिरता स्तर और विदेशी फंडिंग का तानाबाना
अजय कुमार पत्रकारिता का स्तर लगातार गिरता हा रहा है। यह तो चिंता का विषय है ही,इसके अलावा सबसे बड़ा खतरा वह पत्रकार और मीडिया संस्थान हैं जो विदेशी फंडिंग…
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राज्य
लोगों के अनमोल जीवन बचाने के लिए प्रयास करते ‘संतदेव चौहान’
दीपक कुमार त्यागी नई दिल्ली : जीवन पथ में सुख-दुःख आते जाते रहते हैं, सुख के समय तो हर व्यक्ति के पास मेला लगा रहता है, लेकिन अक्सर दु:ख के…
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आलेख
भारतीय व्यवस्था में इंसानी जान की क़ीमत बताते ये हादसे
निर्मल रानी गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बने एक प्राचीन व ऐतिहासिक ‘झूला पुल ‘ के गत 30 अक्टूबर की शाम अचानक टूट जाने से पेश आये दुर्भाग्यपूर्ण…
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आलेख
जानलेवा होता डेंगू का डंक
योगेश कुमार गोयल डेंगू के लगातार बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग के लिए देश के अनेक हिस्सों में गंभीर चिंता का सबब बन रहे हैं। कई जगहों से डेंगू के कारण…
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आलेख
मोरबी पुल हादसा गैर-पेशेवर असफलता
प्रो: नीलम महाजन सिंह मानवीय त्रासदियों का प्रभाव हर इंसान के मन में एक गहरी छाप छोड़ देता है। गुजरात में हुईं 135 से अधिक लोगों की मौत ने देश…
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आलेख
प्रधानमंत्री द्वारा मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा प्रदान करने की घोषणा नही होने से वागड़ वासी हुए निराश
नीति गोपेंद्र भट्ट नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को वागड़ अँचल के मानगढ़ धाम की यात्रा के दौरान इसऐतिहासिक स्थल को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा प्रदान करने की घोषणा नही करने से समूचे आदिवासी समुदाय में गहरी निराशा पसर गई है । साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बन्द पड़ी रतलाम-बाँसवाड़ा-डूंगरपुर-अहमदाबाद रेल परियोजना का मुद्दा उठाने के बावजूद उनके द्वारा इस बारे में एक भी शब्द नहीं बोलने से भी इस इलाके के लोगों में भारी निराशा व्याप्त देखी गई है और दोनों मुद्दों पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरु हो गया है। हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी ने मानगढ़ धाम पर जमा हुए विशाल जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए अपने भाषण में यह ज़रूर कहा कि मानगढ़ धाम को भव्य बनाने की इच्छा हम सबकी है। अतः राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र चारों प्रदेश आपस में चर्चा कर एक विस्तृत प्लान बना कर मानगढ़ धाम के विकास की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने कहा कि रूपरेखा बनने के बाद चार राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाईयों पर ले जायेंगे।भारत सरकार इसके लिए वचनबद्ध है।नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई और नाम दे देंगे।प्रधानमंत्री की इस बात से फ़िलहाल लोगों की उम्मीदें जगी हुई है और वे आशान्वित लग रहें है कि मानगढ़ को इसका वाजिब हक़ मिल कर रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सवेरे अपने गुजरात प्रवास से विशेष हेलिकॉप्टर से दक्षिणी राजस्थान के गुजरात से सटे बांसवाड़ा जिल के मानगढ़ धाम पहुंचे,जहाँ 1913 में पंजाब के जालियाँ वाला बाग से बड़ा नरसंहार हुआ था जिसमें अंग्रेज़ी हकूमत की पुलिस ने निहत्थे 1500…
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