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आलेख
हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है, स्वयं पर विजय प्राप्त करना
सुनील कुमार महला वैशाख पूर्णिमा इस बार 12 मई 2025 को है।इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है।इसे ‘बुद्ध पूर्णिमा’, ‘पीपल पूर्णिमा’ और…
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आलेख
संघर्ष विराम का निर्णय समय सम्मत
विनोद कुमार विक्की युद्ध से कभी भी शांति की कल्पना नहीं की जा सकती। युद्ध जान-माल एवं मानवता के लिए हमेशा ही नुकसान दायक रहा है। पाक की कायराना आतंकी…
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राष्ट्रीय
यही गलती पृथ्वीराज चौहान ने की थी, मोदी जी…?
फिरआयेगा गौरी खून में उबाल हो, जुबां में ज्वाल हो,फिर क्यों हर बार समझौता, हर बार सवाल हो?यह वक़्त है ललकारने का, न कि मौन में घुलने का,इतिहास का पलड़ा…
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साहित्य
संकट का व्यापार
संकट की आहट से, बाजार थरथराए,महंगाई की लहर से, घर-घर हिल जाए।कागजी हुक्मनामा, सख्ती के सुर गाए,पर हकीकत की धरती, झूठ की चादर फैलाए। राशन के थैले, खालीपन से भरे,कालाबाजारी…
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आलेख
सेना के साथ खड़ा भारत, सत्ता के लिए लड़ता पाकिस्तान
संजय सक्सेना हाल के वर्षाे में भारतीय राजनीति में जिस तरह से सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हर मुद्दे पर तलवारें खींची नजर आती थी,उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान…
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आलेख
‘मां’ मुझे चट्टान सा मजबूत करतीं है
सुनील कुमार महला 11 मई 2025 को हम सभी अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस मनाने जा रहें है। सर्वप्रथम सभी माताओं को इस लेखक का कोटिशः नमन। ‘मां’ एक शब्द मात्र नहीं…
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आलेख
कलमा पढ़ाने आये थे, फ़ातिहा पढ़ रहें हैं !!
राकेश शर्मा पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में छब्बीस पुरुष पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने इसलिए गोलियों से भून दिया क्यूंकि वह हिंदू थे और जब…
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आलेख
युद्ध के समय ख़बरों में विश्वसनीयता हो
अशोक भाटिया ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6 मई की आधी रात के बाद भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई बहादुर कार्रवाई के नतीजे अभी भी महसूस किए जा रहे हैं।…
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आलेख
संकट का व्यापार: महंगाई, मुनाफाखोरी और सरकारी चेतावनी
राशन कालाबाजारी पर सरकारी सख्ती: जमीनी हकीकत और खोखले वादे राशन की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई के दावे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या…
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