रविवार दिल्ली नेटवर्क
रायपुर : पहाड़ी कोरवा हीरा बाई को वह दिन आज भी भलीभांति याद है जब एक मटका पानी के लिए उसे घर से दूर जंगल की ओर रूख करना पड़ता था। पानी की यह जद्दोजहद उसे इस तरह परेशान करती थी कि वह अपनी किस्मत को कोसते हुए कुछ दूर जंगल पर स्थित नाले में जाती थी और वहाँ से पानी लाकर घर का जरूरी काम निपटाती थी। एक दिन उसके गाँव में पक्की सड़क भी बनी, पर पानी अब भी दूर की कौड़ी थी। वह अपने छोटे बच्चों को लेकर नाला जाती और वहीं खतरों के बीच नहलाती थी। अब जबकि घर के पास ही सोलर ड्यूल पम्प लग गया है और घर में ही नल का कनेक्शन मिल गया है, तो पहाड़ी कोरवा हीरा बाई बहुत खुश है। वह कहती है कि नल कनेक्शन लगने और पानी घर पर आने से उसे नाला जाना नहीं पड़ता। घर पर ही नल से बहती धार से पानी मिल जाता है। अब रोज पानी को लेकर होने वाली टेंशन दूर हो गई है।
कोरबा जिले के विकासखंड कोरबा के ग्राम कोराई में रहने वाली पहाड़ी कोरवा हीरा बाई का बड़ा परिवार है। वर्षो से वे सभी जंगल के करीब रहते आए हैं। लंबे समय से नालों का पानी पीते आए इस पहाड़ी कोरवा परिवार को अपने घर के पास सोलर ड्यूल पम्प के माध्यम से नल लग जाने से बहुत राहत मिली है। पहाड़ी कोरवा हीरा बाई ने बताया कि घर के सभी सदस्य अब घर के नल का ही पानी पीते हैं। घर में रोजमर्रा की अन्य छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी पानी उपयोग में आता है।
हीरा बाई ने बीते दिनों की समस्याएं साझा करते हुए कहा कि नल नहीं लगने से पहले उसकी जिंदगी कठिनाईयों के बीच कटती थी। सबसे ज्यादा समस्या पानी को लेकर ही होती थी। सुबह होते और शाम ढलने से पहले तक नालों का चक्कर काटना पड़ता था। बारिश के दिनों में नाले से पानी लाना और भी कठिन हो जाता था, क्योंकि नाला उफान पर होने के साथ पानी गन्दा भी हो जाता था। हीरा बाई ने बताया कि जब से सोलर पम्प लगा है उसके साथ ही गाँव की अन्य महिलाओं की भी बड़ी समस्या दूर हो गई है। उन्हें भी अब नल से साफ पानी मिल रहा है। इसके लिए नाले तक दौड़ नहीं लगानी पड़ती। हीरा बाई ने जल जीवन मिशन से घरों तक पहुँचने वाले नल कनेक्शन और जलापूर्ति को दूर-दराज में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वरदान बताया।