नेताओं के सियासी संग्राम के बीच संसद ठप, देश को 50 करोड़ से अधिक का नुकसान

संदीप ठाकुर

शुक्रवार को लगातार 5वें दिन संसद में कामकाज नहीं हुआ। वजह,राहुल गांधी
के लंदन वाले बयान पर मचा है सियासी संग्राम। इसने संसद को ठप कर दिया
है। बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरुआती पांच दिनों की कार्यवाही हंगामे की
भेंट चढ़ चुकी है और देश को करोड़ों की चपत लग चुकी है। अनुमान है कि
पक्ष-विपक्ष की पॉलिटिक्स में देश के खजाने का 50 करोड़ स्वाहा हाे चुका
है। संसद पक्ष-विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पा रही है। इसके लिए
जिम्मेदार कौन है ? पक्ष या विपक्ष। दोनों में से कोई पीछे हटकर सदन चलने
देने को तैयार नहीं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लंदन वाले बयान पर
बीजेपी हमलावर है। तो वहीं, विपक्ष के पास अडानी से लेकर जांच एजेंसियों
के कथित दुरुपयोग का मुद्दा है। संसद ठप होने के बाद कांग्रेस सांसदों ने
संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना-प्रदर्शन किया और सरकार के
खिलाफ नारे लगाए।

बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही गत सोमवार को शुरू हुई थी और उसी दिन
से सत्तापक्ष यानी भाजपा ने राहुल गांधी के लंदन में दिए भाषण को मुद्दा
बना कर हंगामा शुरू किया। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सत्ता पक्ष के
हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही लगातार पांच दिन तक स्थगित रहे। एक
तरफ भाजपा इस बात पर अड़ी है कि राहुल गांधी लंदन के अपने भाषण पर माफी
मांगे तो दूसरी ओर विपक्ष अदानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति यानी
जेपीसी से जांच कराने की मांग पर अड़ा है। शुक्रवार को भी सुबह 11 बजे
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया,
जिसकी वजह से दोनों सदनों को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर
बाद कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहा तो दोनों सदन दिन भर के लिए
स्थगित कर दिए गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत में लोकतंत्र को
लेकर लंदन में दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने हंगामा
तो विपक्षी पार्टियों ने अदानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी से जांच कराए
जाने की मांग को लेकर हंगामा किया।

बजट सत्र के दूसरे चरण के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की।
इनमें राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और प्रहलाद
जोशी शामिल थे। दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कांग्रेस
अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस में
मीटिंग की। पिछले चार दिन से रोज कार्यवाही से पहले पक्ष और विपक्ष की
रणनीति बैठक हो रही है। इस बीच दोनों पक्षों के जवाबी हमले जारी हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया।
उन्होंने कहा- वह शख्स, जो देश में सबसे ज्यादा बोलता है, और दिन-रात
सरकार पर निशाना साधता है, वह विदेश जाकर कहता है कि उसे भारत में बोलने
की आजादी नहीं है। उन्होंने आगे कहा- राहुल गांधी कांग्रेस को डुबो सकते
हैं, हमें उसकी परवाह नहीं लेकिन अगर वे देश को नुकसान पहुंचाने या उसका
अपमान करने की कोशिश करते हैं, तो देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं
बैठ सकते। दूसरी ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संसद नहीं चलने देने
के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद असली मुद्दों
से ध्यान भटकाने के लिए हंगामा कर रहे हैं।

उधर लंदन से लौट कर आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आते ही केंद्र
सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने गत गुरुवार को एक प्रेस
कांफ्रेंस की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि
वे अदानी के मुद्दे से डरे हुए हैं। राहुल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से
पूछा कि वे बताएं कि अदानी के साथ उनका क्या रिश्ता है ? राहुल ने
दोहराया कि प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं और फिर उन देशों में अदानी को
ठेके मिलते हैं। उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर संसद में अपनी
बात रखने के लिए समय भी मांगा है। राहुल गांधी ने लंदन में दिए अपने भाषण
पर सफाई देते हुए कहा कि सब कुछ ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने देश का अपमान करने वाली एक भी बात नहीं
कही है।13 मार्च से 17 मार्च तक लोकसभा की कार्यवाही सिर्फ 42 मिनट ही चल
पाई है। लोकसभा टीवी के रिसर्च के मुताबिक 13 मार्च को 9 मिनट,14 मार्च
को 4 मिनट, 15 मार्च को 4 मिनट, 16 मार्च को 3.30 मिनट और 17 मार्च को
करीब 22 मिनट ही सदन की कार्यवाही हो पाई है। इस दौरान न तो सदन में किसी
बिल पर चर्चा हो पाया और न ही प्रश्नकाल और शून्यकाल का काम हुआ। संसद के
इस चरण में 35 बिल पेंडिंग है।