ब्रिक्स के 10 देशों की संसदों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की

Parliaments of 10 BRICS countries unequivocally condemn Pahalgam terror attack

  • आतंकवाद पर शून्य सहिष्णुता की नीति के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई: उप सभापति
  • भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण — वर्ष 2026 में भारत में आयोजित होने वाले 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की अध्यक्षता करेगा भारत

गोपेंद्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने आज कहा कि पहलगाम में हाल ही में हुए दु:खद हमले और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकता की निरंतर वकालत सहित प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति की हाल ही में संपन्न 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम के दौरान व्यापक रूप से सराहना की गई। फोरम के अंतिम संयुक्त घोषणापत्र में इन स्थितियों को सर्वसम्मति से दर्शाया गया। विशेष रूप से, आतंकवाद का मुकाबला करने के मामले में भारत के दृढ़ और सैद्धांतिक रुख को जोरदार समर्थन मिला। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट निंदा की और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाने का जोरदार आह्वान किया।

हरिवंश आज संसद भवन में मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहे थे।हरिवंश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में भारत सहित सभी 10 सदस्य देशों की संसदों की भागीदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। इन संसदों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया और संयुक्त घोषणा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त घोषणापत्र में भारत के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें सदस्य संसदों ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करने का संकल्प लिया । अपने विचार साझा करते हुए, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता पर अंकुश लगाने, खुफिया जानकारी साझा करने, उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने और जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए समन्वित प्रयासों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के दृष्टिकोण को विशेष सराहना मिली, ब्रिक्स संसदों ने पुष्टि की कि वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए, उपसभापति ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने कई प्रमुख मुद्दों पर भारत के मजबूत और स्पष्ट रुख को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया – विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता, एक न्यायसंगत और संतुलित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का लक्ष्य , तकनीकी नवाचार में भागीदारी और लोकतांत्रिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।

हरिवंश ने आगे बताया कि गहन चर्चा और विचार-विमर्श के कई दौर के उपरांत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उत्तरदायी उपयोग, वैश्विक व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अंतर-संसदीय सहयोग तथा वैश्विक शांति व सुरक्षा जैसे विषयों पर व्यापक सहमति बनी।

भारत को आगामी ब्रिक्स संसदीय फोरम की अध्यक्षता सौंपे जाने की घोषणा

हरिवंश ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फोरम के समापन पर भारत को अगले वर्ष 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेजबानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है , जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला औपचारिक रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अब ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से नेतृत्व करेगा।

हरिवंश ने बताया कि भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया और इसमें राज्य सभा के उप सभापति श्री हरिवंश, राज्य सभा सांसद श्री सुरेन्द्र सिंह नागर, लोक सभा सांसद श्री विजय बघेल, लोक सभा सांसद श्री विवेक ठाकुर, लोक सभा सांसद डॉ. शबरी बायरेड्डी, लोक सभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, राज्य सभा के महासचिव श्री पी.सी. मोदी और लोक सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

उन्होंने आगे कहा कि ग्यारहवें ब्रिक्स संसदीय फोरम का समग्र विषय था ‘समावेशी और सतत वैश्विक शासन के सृजन में ब्रिक्स संसदों की भूमिका’

उन्होंने बताया कि लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निम्नलिखित चार उप-विषयों पर फोरम के सत्रों को संबोधित किया: (i) ब्रिक्स के मध्य सशक्त एवं स्थायी अंतर-संसदीय सहयोग, (ii) बहुपक्षीय शांति एवं सुरक्षा संरचना में सुधार हेतु ब्रिक्स संसदों की एकता, (iii) उत्तरदायी व समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता हेतु अंतर-संसदीय सहयोग, तथा (iv) आर्थिक विकास हेतु नवीन मार्गों की खोज में ब्रिक्स संसदों की भूमिका। इसके अलावा, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने निम्नलिखित उप-विषयों पर पूर्ण सत्र में भाग लिया: वैश्विक स्वास्थ्य के लिए ब्रिक्स अंतर-संसदीय गठबंधन, तथा जलवायु एवं स्थिरता पर ब्रिक्स अंतर-संसदीय वार्ता।