
- “शिक्षा और शोध में नवाचार के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत
- एआई (AI) रिसर्च, फैकल्टी एक्सचेंज और स्टूडेंट मोबिलिटी के ज़रिए वैश्विक अवसरों और सहयोगी शोध को नया रूप देने की पहल!
आनंद पांडे
यूपीईएस (upes), एक बहु विषयक विश्वविद्यालय, ने यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विधि संस्थान द यूनिर्वसिटी ऑफ लॉ (ulaw) के साथ एक समझौता ज्ञापन (Mou) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत यू पी ई एस में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Cou) की स्थापना की जाएगी। ये पहल शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सहयोग का मुख्य आधार शोध होगा, जिसमें खास ध्यान कृत्रिम बुद्धिमता (AI) और नैतिकता (ethics) पर रहेगा। यह सेंटर कंटिन्यूइंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट (CPD) कोर्सेज, सेटेलाइट सेंटर्स और स्टार्टअप इनक्यूबेटर की सुविधा भी देगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम्स से शिक्षण और ज्ञान का आदान प्रदान भी होगा। छात्रों के लिए इंटरनेशनल मोबिलिटी प्रोग्राम्स भी शुरू किए जाएंगे, जिनमें एक मजबूत पाठ्यक्रम होगा जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का अकादमिक अनुभव मिल सकेगा। दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ फैकल्टी इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से संचालित करेंगे, और इसमें मूल्यांकन और प्रमाणन की एक स्पष्ट प्रक्रिया भी शामिल होगी। साझेदारी पर बात करते हुए, यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के डिप्टी वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर पीटर क्रिस्प ने कहा,”हमें यू पी ई एस के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है। यू ए लॉ की 148 साल पुरानी विधिक श्रेष्ठता की परंपरा भारत में भी विस्तारित होगी। हमारा उद्देश्य तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में सफल होने वाले प्रोफेशनल्स को तैयार करना है, ख़ासकर एआई जैसे नए क्षेत्रों में नवाचार लाना।”यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ के डीन और हेड, इंटरनेशनलिटी,डॉक्टर अभिषेक सिन्हा ने कहा,”यूएलॉ जैसे वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग हमारे `यूनिवर्सिटी ऑफ टुमारो के विजन का हिस्सा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के छात्रों को आने वाले समय की चुनौतियों को तैयार करेगा, खासतौर पर ए आई की नैतिक चुनौतियों से निपटने के लिए। यह सहयोग शिक्षा और वास्तविक दुनिया के बीच की दूरी को कम करेगा।”यू ए लॉ का प्रैक्टिस _आधारित दृष्टि कोण और यूपीईएस नवोन्मेषी सोच मिलकर छात्रों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करेगी जहां वे बाजार की मांग के अनुसार अपने कौशल विकसित कर सकें। यह रणनीतिक साझेदारी भविष्य की जरूरतों को समझते हुए शिक्षा और शोध में नए मानक स्थापित करेगी।