- राजस्थान के लिए तीन पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह,विनोद तावड़े और सरोज पांडे की हुई नियुक्ति
गोपेंद्र नाथ भट्ट
तीन प्रदेशों राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकारों के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
राजस्थान में भी मुख्य मंत्री के नाम की घोषणा के क़यासों के मध्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने राजस्थान के तीन पर्यवेक्षक घोषित कर दिए हैं जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आरएसएस के विनोद तावड़े और सरोज पांडे पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। राजस्थान के पेचीदा मामले को देखते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को राजस्थान भेजना भी एक संदेश माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधायक दल की बैठक जयपुर में शनिवार अथवा रविवार को होगी । विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक विधायकों का मन टटोल कर तीन नामों का पैनल संसदीय बोर्ड को भेजने तथा अंतिम निर्णय दिल्ली में केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा करने का प्रस्ताव पारित करेंगे । बताया जाता है कि पन्द्रह दिसंबर से पहले मुख्य मंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के कुछ सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया जा सकता है क्योंकि सौलह दिसंबर से मलमास शुरू होने जा रहा है।वसुन्धरा राजे ने भी पिछली दोनों बार तेरह दिसंबर को शपथ ली थी।
पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद शुक्रवार को दोपहर केन्द्रीय रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाक़ात की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशीने ने भी पार्टी अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों से भेंट की है। राजनीतिक पण्डित इन मुलाक़ातों का अपने अपने ढंग से मायने लगा रहे है। यह माना जा रहा है कि केन्द्रीय पर्यवेक्षक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का कोई मेसेज लेकर ही जयपुर पहुँचेंगे और विधायक दल तदनुरूप ही एक लाइन का प्रस्ताव पारित करेंगे कि भाजपा के संसदीय बोर्ड जो निर्णय करेगा वह सबको स्वीकार होंगा।
प्रदेश में पहली बार भाजपा को अपने मुख्यमंत्री के नाम का चयन करने में कठिनाई हो रही है। भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने नई दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भेंट की है। पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाक़ात कर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है। वसुन्धरा राजे को पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन हासिल है।डॉ किरोड़ी लाल मीणा और अन्य नेताओं ने भी केन्द्रीय नेताओं से भेंट की है।
अब देखना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पुराने चेहरों पर विश्वास करेगा अथवा नए चेहरों पर विश्वास यह देखना दिलचस्प होंगा।