रविवार दिल्ली नेटवर्क
नारनौल : वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद् डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने मेडिकल कॉलेज, कोरियावास के नामकरण विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की सराहना की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि काॅलेज अस्पताल का नाम स्वतंत्रता-सेनानी राव तुलाराम के नाम पर रखे जाने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है; आपत्ति मेडिकल कॉलेज का नाम बदले जाने पर थी, क्योंकि नामकरण के बाद नाम बदले जाने से महान ऋषि और च्यवनप्राश जैसे अमृत रसायन के आविष्कारक च्यवन का अपमान होता। डॉ. ‘मानव’ ने स्पष्ट कि जब उन्होंने मेडिकल कॉलेज का नामकरण महर्षि च्यवन के नाम पर करने का प्रस्ताव हरियाणा सरकार को भेजा था, तब इस कॉलेज का कोई नाम नहीं था। यदि ग्राम पंचायत ने जमीन देते समय ही काॅलेज का नामकरण राव तुलाराम के नाम पर करने की शर्त रखी होती, तो यह अप्रिय विवाद पैदा ही नहीं होता। लेकिन पंचायत का स्टैंड बार-बार बदलता रहा। डॉ. ‘मानव’ ने कहा कि ग्राम पंचायत ने पहले मेडिकल कॉलेज के लिए बिना शर्त जमीन दी, फिर ग्राम-देवता रघुनाथ जी महाराज के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नाम रखने की मांग की और फिर, एक-डेढ़ वर्ष बाद, मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने और राव तुलाराम के नाम पर उसका नामकरण करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। इसी से सारा विवाद और विरोध प्रारंभ हुआ, जो दुखद ही नहीं, दुर्भाग्यपूर्ण भी था। डॉ. ‘मानव’ ने आशा प्रकट की है कि अब महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज बिना किसी बिघ्न-बाधा और विरोध के, निर्विवाद रूप से चिकित्सा-क्षेत्र में विशिष्ट भूमिका निभा पायेगा। ज्ञातव्य कि हरियाणा सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज, कोरियावास का नामकरण डॉ. रामनिवास ‘मानव’ के सुझाव पर ही महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज किया गया था।





