रविवार दिल्ली नेटवर्क
गया : मृत आत्माओं की शांति के लिए गया धाम ही एक ऐसा जगह है जहां पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, चाहे उसकी किसी तरह से भी मौत हुई है सभी का पिंडदान गया जी में ही होता है और मृत आत्मा की शांति मिलती है और स्वर्ग में स्थान मिलता है। गया में देश-विदेश से प्रतिदिन लाखों तीर्थ यात्री पितृपक्ष मेला में आ रहे हैं और लोग अपने पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए अलग-अलग वेदियों पर पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं। लेकिन गया धाम में ऐसे भी लोग आते हैं जो अज्ञात व लावारिस शवो का भी पिंडदान करते हैं ऐसे में ही अलीगढ़ से 193 लोगों का एक समूह गया जी धाम पहुंचे जहां अलीगढ़ में लावारिस व अज्ञात लाशों का आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया यही नहीं पिंडदान करने से पहले 198 लावारिस लाशों का अस्थियां सुल्तानगंज के गंगा जी में भी विसर्जित किया, जिसके बाद सभी को मोक्ष की प्राप्ति हो इसके लिए गयाजी धाम पहुंचकर सभी का पिंडदान किया, 198 लाशों का पिंडदान 193 लोगों ने किया जिसमें 98 महिला भी शामिल थी।
वही मानव उपकार संस्था के फाउंडर विष्णु कुमार बंटी ने बताया कि मानव उपकार एक अलीगढ़ में संस्था है जो 25 सालों से काम कर रही है, अलीगढ़ में लावारिस लाश जो अज्ञात होते हैं उसका अस्थियां विसर्जित कर पिंडदान करते हैं अब तक 6000 लोगों का अंतिम संस्कार और पिंडदान किया गया है, हर साल पितृपक्ष में उनका अस्थियों का विसर्जन करती है और पिंडदान करते हैं उन्होंने कहा कि अब तक चार धामों में से तीन धाम द्वारिका, रामेश्वरम और जगन्नाथ जी में और 12 ज्योतिर्लिंगों में से 9 ज्योतिर्लिंगों में अस्थियां विसर्जन कर पिंडदान कर चुके हैं वहीं इस बार सुल्तानगंज में 198 लावारिस लशो के अस्थियों का विसर्जन किया गया उसके बाद हम लोग गया पहुंचे हैं और गया में सभी का पिंडदान कर उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया है 193 लोगों में 98 महिला शामिल है