आतंकवाद पर संयम के साथ सुनियोजित और सख्त कार्रवाई की जरुरत

सीता राम शर्मा ” चेतन “

कश्मीर में फिर शहीद हुए हमारे पांच सैनिक ! युद्ध या आपदा में अपने शौर्य का कर्तव्य निभाते हुए नहीं, भीतरी और बाहरी आतंकवादियों, शत्रुओं के कायरतापूर्ण हमलों से । शहादत की संख्या कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि हर एक सैनिक का जीवन हमारे हजारों लोगों से ज्यादा बहुमूल्य है । इसलिए हर एक सैनिक के जीवन के प्रति देश के लोगों और हमारी संपूर्ण सत्ता तथा शासन व्यवस्था को ज्यादा जवाबदेह और जिम्मेवार होना चाहिए । जब तक ऐसा नहीं होगा, हम अपने सैनिकों के प्रति अपने नागरिक और व्यवस्थागत दायित्वों को लेकर लापरवाह और गुनाहगार माने जाएंगे । इस सत्य पर समुचित और जरुरी चिंतन कब ? यह चिंतन और फिर उस पर काम अब बिना विलंब होना चाहिए ।

भाात को नापाक पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र में लगातार ड्रोन से हथियार, ड्रग्स और आतंकी फंडिंग भेजने के उसके अंतरराष्ट्रीय अपराध की सच्चाई के साथ 20 अप्रैल को कश्मीर के पुंछ इलाके के राजौरी सैक्टर में जैश समर्थित आतंकी संगठन द्वारा सैन्य वाहन पर किए गए अत्यंत कायरतापूर्ण हमले पर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकृष्ट करते हुए पाकिस्तान को कठोर चेतावनी देने की जरूरत है । बेहतर होगा कि भारत नापाक पाकिस्तान से बहुत स्पष्ट और कठोर लहजे में कहे कि वह उसके अब तक के तमाम गुनाहगारों को उसे सौंपे अन्यथा भारत अपनी रक्षा और अपने गुनाहगारों को दंडित करने के लिए हर संभव सख्त कार्रवाई करेगा । फिर सबसे पहले कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े बाहरी और भीतरी शत्रुओं के साथ उसके हर एक और अंतिम सहयोगी को खत्म करते हुए कश्मीर को आतंकवाद से पूर्ण मुक्ति दिलाने का तेज अभियान चलाए । तब तक भी यदि नापाक भारत के गुनाहगारों को ना सौंपे तो फिर उसके आतंकवाद के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई करे, जो दुनिया याद रखे । बेशक भारत सरकार को अब पाकिस्तानी आतंकवाद और कश्मीर तथा पंजाब के साथ देश भर में उससे जुड़े लोगों पर अत्यंत कठोर और निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है । वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए भारत को यह निर्णायक जंग पूरी तैयारी, संयम, सक्रियता और सुनियोजित तरीके से लड़नी होगी ।

अब सवाल यह है कि कश्मीर के पूंछ में हुए ताजा आतंकवादी हमले में शहीद हुए अपने वीर सैनिकों से उबलते देशवासियों के आक्रोश को शांत करते हुए भारत आतंकवाद पर आखिर किस नीति और गति से तेज प्रहार करे, जिससे ना सिर्फ पाकिस्तानी आतंकवाद से स्थाई और दीर्घकालीन मुक्ति मिले बल्कि कश्मीर से भी आतंकवाद को जड़ मूल से नष्ट कर दिया जाए ? गौरतलब है कि कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों से पिछले कुछ महिनों से लगातार कई बार पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से हथियार, गोला बारूद, ड्रग्स और आतंकी फंडिंग भेजने के प्रत्यक्ष और प्रमाणित घटनाओं के समाचार आ रहे हैं । घुसपैठ करते इनमें से कुछ ड्रोनों को तो भारतीय सैनिकों ने मार गिराने में भी सफलता पाई है । पर अब भारत को परिस्थितिजन्य कार्रवाई से आगे जाकर घुसपैठ और आतंकवाद से पूर्ण मुक्ती की एक ठोस और निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी । यह छिपी और दुर्लभ सच्चाई नहीं है कि पाकिस्तानी आतंकवाद की समर्थक ताकतें अलग-अलग रुप, नीति, नीयत और करतूतों के साथ लगभग पूरे देश में मौजूद हैं, जिनसे निर्णायक लड़ाई लड़ने और जीतने के लिए कई माध्यमों से बहुत संयम, सक्रियता, चतुराई और आवश्यक सख्ती के साथ काम करने और कुचलने की जरूरत है । इस लंबी दिखती लड़ाई को छोटी, कमजोर और असहाय करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, सख्त नीति और अत्यंत सक्रिय खुफिया तंत्र की है । भ्रष्टाचार के साथ आतंकवाद के हर स्वरुप के पोषक तथा समर्थक पर निर्णायक लड़ाई लड़ने का यह सबसे उपयुक्त समय है । आशा है भारत इसमें विजयी होगा ।