रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : सचिवालय में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने जिलाधिकारियों को चिन्हित वाइब्रेंट विलेज को वाइब्रेंट बनाने के लिए ऐसी योजनाओं को संचालित करने के निर्देश दिए जो व्यवहारिक और सतत हों। मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल योजनाओं से वाइब्रेंट विलेज को संतृप्त किया जाए। वाइब्रेंट विलेज का हर गांव विशिष्ट है, उसकी अपनी क्षमताएं एवं सम्भावनाएं हैं। क्षेत्र की क्षमताओं और सम्भावनाओं को तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं और इन्हें सतत बनाने के लिए प्रयास किए जाएं। उन्होंने वाइब्रेंट विलेज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सुदृढ़ करने के निर्देश देते हुए कहा कि वाइब्रेंट विलेज में नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को रहने के लिए अच्छी आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए साथ ही कर्मचारियों को एक-दो महीने के लिए रोटेशन के आधार पर नियुक्त किया जाए। मुख्य सचिव ने वाइब्रेंट विलेज के लिए यूपीसीएल को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि जहां ग्रिड से विद्युत आपूर्ति करना सम्भव न हो वहां सौर ऊर्जा एवं अन्य विकल्पों से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने इन क्षेत्रों के लिए मोबाइल वैन वैटेनरी यूनिट की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी ने स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। सभी वाइब्रेंट विलेज बॉर्डर एरिया में होने के कारण यह निर्णय स्थानीय उत्पादों के लिए एक अच्छा बाजार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने उत्पादों की सतत आपूर्ति एवं गुणवत्ता बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वाइब्रेंट विलेज के स्थानीय उत्पादों के परम्परागत बीजों के लिए भी सब्सिडी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को प्रत्येक वाइब्रेंट विलेज में पंचायत भवन एवं खेल विभाग को भूमि की उपलब्धता के अनुसार खेल का मैदान अनिवार्य रूप से बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेल, व्यायाम के उपकरणों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने स्थानीय युवाओं को गाइड की ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों को जोड़ते हुए सांस्कृतिक ग्रुप तैयार किए जाएं। साथ ही, स्थानीय वाद्य यंत्रों का वितरण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय धार्मिक-आध्यात्मिक घटनाओं से सम्बन्धित वाइब्रेंट विलेज की जानकारी के साईनेज आदि लगाए जाएं ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों। क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता को संजोए रखते हुए निर्माण कार्यों में स्थानीय भवन निर्माण कलाओं का प्रयोग किया जाए। इस अवसर पर सचिव श्रीमती राधिका झा, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. रंजीत सिन्हा, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव श्री सी. रविशंकर, श्रीमती रंजना राजगुरू, श्री युगल किशोर पंत, निदेशक आईटीडीए सुश्री नितिका खंडेलवाल उपस्थित थे।