चार करोड़ वां पौधा रोपन पुरा किया,पाँच करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य-अमित शाह

  • 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करेंगे

विनोद तकियावाला

आदिकाल से श्रृष्टि के श्रृजन में पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान है। जब विज्ञान का नही था तब आदिकाल में मानव सभ्यता का विकाश नही हुआ था तब कबीले में मानव जंगल व प्राकृतिक बतावरण रहा करते थें। शैने शैने मानव जीवन में अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु ज्ञान विज्ञान का अवलम्बन लेकर विकाश की नई गाथा लिखना प्रारम्भ कर दिया ! काल का चक्र घुमता गया है।विकाश के नाम विनाश रूपी दैत्य का अपना विकाराल रूप धारण करके मानव के लिए बाधाएं उत्पन्न कर ने लगा ।

अपने प्रकृति व पर्यावरण से दूर हो गए।आज भले मानव विज्ञान के सहारे भले ही चाँद सितारे की दुर को नाप सकते है।वही दुसरी ओर हमारा जीवन दुबर हो गया । विकाश के नाम पर विशालकाय कंरीट के जंगल’ अवैध खनन, जंगल के अंधाघुन कटाई के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड गया है।मानव आज प्रकृति के बदलते हुए मियाज से जलवायु परिवर्तन से जुझ रहा है।प्राकृतिक प्रकोप के कारण आये दिनो भुकम्प,बाढ़-सुखाढ,अनेक संक्रामक बीमारीयो का उदाहरण आये दिनों देखने को मिलता है। वैश्विक महामारी कोरोना संकट इसका सबसे बडा उदाहरण है। प्रकृति में संतलुन बनाये रखने पेड़ पौधे-अथार्त वन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।विगत दिनों इस क्षेत्र में केन्द्र सरकार ने इस क्षेत्र सहराणीय कदम उठाया गया है। आप को बता दे कि विगत दिनो अमित साह केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने ग्रेटर नोएडा के सुत्याना स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सी आर पी एफ)ग्रुप सेंटर में चार करोड़वां पौधा लगाया है।इस अवसर उन्होंने सीआरपीएफ के 8 परिसरों में नवनिर्मित 15 भवनों का ई-उद्घाटन भी किया।अपने उद्बोधन में कहा कि हम देश भर में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य जरूर पूरा करेंगे।जलवायु परिवर्तन और ओजोन लेयर में बढ़ते छेद को रोकने के लिए पौधारोपण सबसे बड़ा हथियार है।कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सीआरपीएफ के अधिकारियों, जवानों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने पर्यावरण संरक्षण में आज एक मील का पत्थर स्थापित किया है। कई लोग कहते थे कि पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।लेकिन केन्द्र सरकार,सीआरपीएफ के सहयोग से आज 4 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं जो धरती को हरा-भरा कर रहे हैं।जब हम पौधे लगाते हैं तो कई सालों से कई पीढिय़ां उसका लाभ उठाती हैं।अमित शाह ने कहा कि ओजोन लेयर में निर्मित हो रहे छेद के खतरे को रोकने के लिए तथा पृथ्वी को बचाने के लिए एकमात्र रास्ता पौधारोपण है।इसअभियान के तहत पूरी रिसर्च करके पौधे लगाए जा रहे हैं।जो पौधे सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले तथा कई सालों तक चलने वाले हैं। उन्हीं पौधों को लगाया जा रहा है जिसमें पीपल का वृक्ष बेहद महत्वपूर्ण है।उन्होनें ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को कई क्षेत्रों में विकसित और आत्मनिर्भर बनाया है।जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वॉर्मिंग के विरूद्ध लड़ाई में भारत को मुखिया बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है। अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने फ्रांस के साथ सोलर एलाइंस के लिए भी समझौता किया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सामने भारत की पारंपरिक जीवन शैली को रखा है।भारत सरकार द्वारा नेशनल सोलर मिशन,नेशनल वॉटर मिशन तथा नेशनल ग्रीन इंडिया मिशन सहित 8 ऐसे मिशन चलाए जा रहे हैं जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण निभाएंगे।

हम 5करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे तो देशवासियों से कह पाएंगे कि सीआरपीएफ केवल लोगों की जीवन की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।नरेन्द्र मोदी से प्रेरित और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सीएपीएफ ने वर्ष 2020 से 2022 के छोटे अंतराल में पूरे देश में सामूहिक रूप से3.55 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। सभी केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों के लिए वर्ष 2023 में कुल1.5 करोड़ पौधे लगाने का सामूहिक लक्ष्य निर्धारित किया है,जिसके तहत कुल पौधारोपण की संख्या पांच करोड़ हो जाएगी।इस अभियान के अंतर्गत जलवायु के अनुरूप इकाई वार लगाए जाने वाले पौधों की संख्या और प्रजातियों का आंकलन किया गया और इसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई।

तत्पश्चात नोएडा के सेक्टर1 स्थित कृभको भवन में गृहमंत्री अमित शाह कृभको द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा किया।सर्व विदित रहे कि गृहमंत्री अमित शाह सहकारिता विभाग के भी कैबिनेट मंत्री है। सहकारिता के क्षेत्र में अनेक बड़ी योजनाएं व परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का यह कदम निशचित रूप से स्वागत योग्य है।प्रकृति के प्रति प्रेम मानवता के प्रति एक उल्लेखनीय है।खैर फिलहाल आप से यह कहते हुए विदा लेते है।ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर।खबरीलाल तो माँगे, सबकी खैर॥फिर मिलेगें तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग।तब तक के लिए अलविदा।