रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने भोपाल के रवीन्द्र भवन में श्रेष्ठ गुरुओं के गायन, वादन एवं नृत्य की प्रस्तुतियों के आयोजन “प्रणति’’ का शुभारंभ किया। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस 5 दिवसीय कार्यक्रम में एक ही मंच पर देश के जाने-माने कलाकारों की प्रस्तुति होगी।
संस्कृति मंत्री श्री लोधी ने कहा कि संगीत 7 स्वर और 7 श्रुतियों का समूह है। वेदों में कहा गया है कि यदि स्वरों की शक्तियों के अनुरूप गायन किया जाये, तो जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वैदिक काल में पूरी तन्मयता और शास्त्रीय संगीत के साथ मंत्रों का उच्चारण किया जाता था, तो उसका प्रभाव सम्पूर्ण चेतन जगत पर पड़ता था। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल कहे जाने वाले चार वेदों में से एक वेद सामवेद में पूरी तरह संगीत का विशद् वर्णन किया गया है।
मंत्री श्री लोधी ने कहा कि गंधर्ववेद में भारतीय शास्त्रीय रागों, वाद्यों, नृत्य कला और गायन को उल्लास, पूर्णता, उत्सव और आवाहन का माध्यम माना गया है। ऋगवेद में गायत्री मंत्र हमारी सनातन परम्परा का आधार स्तंभ माना गया है। गायत्री मंत्र को भारत की संगीत परम्परा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘प्रणति’ जैसे कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की समृद्धशाली संगीत परम्परा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे कार्यक्रम निश्चित ही भावी पीढ़ियों को हमारी वैभवशाली संगीत परम्परा का बोध कराते हैं। उन्होंने कहा कि विगत एक दशक में यह पहली बार है कि एक मंच पर कई पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
प्रणति के पहले दिन प्रख्यात सरोद-वादक बंधु श्री अमान-अयान अली बंगश, श्री विनायक तोरवी ने कर्नाटक का शास्त्रीय गायन, विश्वविख्यात सितार-वादक श्री निलाद्रि कुमार और सुश्री प्रेरणा श्रीमाली ने मनमोहक कथक नृत्य प्रस्तुत किया।