9-10 जनवरी को इंदौर में होगा प्रवासी भारतीय दिवस एवं सम्मेलन

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि इस बार 9 जनवरी 2023 को मध्यप्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाए, जिसमें पूरे दुनिया भर से एन.आर.आई आते है। प्रवासी भारतीय दिवस के लिए इंदौर उपयुक्त स्थान है। यहाँ एयर कनेक्टिवी भी सबसे ज्यादा है। इस संबंध में हमें स्वीकृति भी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि 4-5-6 नवंबर 2022 को इंदौर में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट अब 7 और 8 जनवरी 2023 को होगी और 9-10 जनवरी को इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस एवं सम्मेलन होगा। इंदौर में ही मध्यप्रदेश द्वारा तैयार की गई स्टार्ट-अप पॉलिसी का लोकार्पण होगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री मोदी वर्चुअली उपस्थित होंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व मंत्रीगण से महत्वपूर्ण एवं प्राथमिक विषयों पर चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत दिवस दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों एवं जन-कल्याण की योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा भी हुई है।

महाकाल कॉरिडोर का विकास

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से उज्जैन आकर महाकाल कॉरिडोर विस्तारीकरण योजना के लोकार्पण का भी अनुरोध किया गया है। कॉरिडोर से संबंधित सभी कार्य मई माह तक पूरे कर लिये जाये। उज्जैन में यह अवसर जन-उत्सव की तरह होगा। घर-घर जय घोष होगा। स्थानीय नागरिक भी कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उज्जैन में स्थानीय मंत्री और प्रभारी मंत्री को कार्यों की समय पर पूर्णता के लिए अवलोकन करने के निर्देश भी दिए।

स्टार्ट-अप पॉलिसी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप पॉलिसी बना ली गई है। इसके विधिवत शुभारंभ इंदौर में प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री श्री मोदी इससे वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि इंदौर में कार्यरत विभिन्न स्टार्ट-अप को जोड़कर कार्यक्रम को व्यापक पैमाने पर किया जाए। इंजीनियरिंग महाविद्यालय के विद्यार्थियों को भी हिस्सेदारी के लिए प्रेरित करें। मई माह में इस कार्यक्रम की तिथि निर्धारित की जा रही है।

नर्मदा नदी संरक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अमरकंटक और नर्मदा उद्गम स्थल के निकट पर्यावरण-संरक्षण संबंधी 24 अप्रैल को केन्द्रीय मंत्रियों एवं पर्यावरणविद और विचारक श्री सुरेश सोनी के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया वर्ष 2018 के बाद नर्मदा संरक्षण से जुड़े कार्यों की गति धीमी हो गई थी। इस बीच कोरोना के कारण भी मिशन के कार्यों की सीमा रही। अब यह निर्णय लिया गया है कि अमरकंटक में कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। अमरकंटक सीमेंट-कंक्रीट का जंगल न बने, ऐसी व्यवस्था की जाए। सम्पूर्ण क्षेत्र का विकास किया जाए। मैकल पर्वत के नीचे ही निर्माण हो। पर्वतीय क्षेत्र में कोई निर्माण गतिविधियाँ न हों। होटल, रेस्टारेंट आदि भी पर्वत के नीचे हों, जहाँ श्रद्धालु एवं पर्यटक रुक सकें। इस संबंध में शीघ्र कुछ सख्त निर्णय लिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा जी रहेंगी, तो हम रहेंगे। नर्मदा जी के बिना हम अपने अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकते। मध्यप्रदेश के साथ गुजरात के लिए भी नर्मदा नदी महत्वपूर्ण है। नर्मदा सेवा मिशन के कार्यों में गति लाई जाएगी। केंद्र और राज्य मिलकर एक टीम बनाकर बेहतर कार्य करेंगे। हमारी नर्मदा जी का प्रवाह कल-कल छल-छल.. बना रहे, पेयजल और सिंचाई की जरूरतें पूरी हों, हमारा नर्मदा जी के प्रति सम्मान का भाव हो और क्षेत्र के पर्यावरण का संरक्षण सब मिलकर करें, इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

जनजातीय वर्ग के अधिकारों का संरक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हाल ही में भोपाल के जंबूरी मैदान में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य शुरू हुआ है। आगामी माह, जिलों में जहाँ चिन्हित वन ग्राम राजस्व ग्राम में परिवर्तित हो रहे हैं, सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन कर वन-वासियों को इसकी जानकारी दी जाए। मंत्रीगण करीब एक सप्ताह की अवधि का कार्यक्रम बनाकर प्रत्येक दिन 5 से 7 वन ग्राम के राजस्व ग्राम में परिवर्तित होने के संबंध में स्थल पर जाकर कार्यक्रम में हिस्सा लें। ग्रामों के पृथक-पृथक कार्यक्रम हों। इसमें विधायक, सांसद और अन्य जन-प्रतिनिधि भी सम्मिलित हों। विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन भी किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा इमारती लकड़ी और 20 प्रतिशत लाभांश देने के निर्णय की जानकारी वन-वासियों को प्रदान की जाए। साथ ही तेंदूपत्ता तुड़ाई कार्य में परिश्रमिक में की गई वृद्धि का लाभ भी पात्र हितग्राहियों को मिले, इसके लिए जन-प्रतिनिधि सक्रिय रहें।

विकासखंड स्तर पर हों कन्या विवाह कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को जानकारी दी कि सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में 24 अप्रैल को हुये सामूहिक विवाह और निकाह कार्यक्रम काफी सफल रहा है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक बड़ा आयोजन किया जाए। कोरोना काल के बाद विवाह योजना प्रारंभ हुई है। इसमें स्थानीय समितियों के माध्यम से विवाह में दिए जाने वाले सामान की खरीदी का कार्य पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कार्यक्रम का भव्य स्वरूप रहे, प्रभारी मंत्री तिथियाँ निर्धारित कर विकासखंड स्तर पर कार्यक्रमों में शामिल हों और समाज के विभिन्न वर्गों के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ भी दिलवाएँ।

भगवान परशुराम जयंती

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा आगामी 3 मई को भगवान परशुराम जयंती पर कार्यक्रम हो रहे हैं। भोपाल में लालघाटी में गुफा मंदिर परिसर में भगवान परशुराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें स्वामी अवधेशानंद जी भी पधार रहे हैं।