रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड राज्य में प्री एसआईआर गतिविधियां शुरु कर दी गई हैं। इस चरण में आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर प्रारम्भिक तैयारियां की जाएंगी, साथ ही एसआईआर के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके दृष्टिगत “प्रत्येक मतदाता तक पहुंच, समन्वय और संवाद’ अभियान पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ० बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि ईसीआई द्वारा अलग-अलग वर्षों में इससे पूर्व 11 बार SIR कार्यक्रम पूरे देश में संपादित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2003 में SIR किया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में आयोग द्वारा पहले चरण में बिहार और दूसरे चरण में 12 अन्य राज्यों में SIR की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने बताया कि आयोग का इस पूरी प्रकिया के पीछे उद्देश्य हर पात्र मतदाता को मतदाता सूची में शामिल करना है।
सीईओ ने बताया कि प्री-एसआईआर फेज में प्रदेश की वर्तमान मतदाता सूची में शामिल लगभग 40 वर्ष तक की आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज थे उनकी सीधे बीएलओ एप से मैपिंग की जाएगी। इसके साथ ही 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में किसी कारणवश नहीं है तो उनके माता-पिता अथवा दादा-दादी के नाम के आधार पर प्रोजनी के रुप में मैपिंग की जाएगी। सीईओ ने बताया कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची www.ceo.uk.gov.in एवं www.voters.eci.gov.in पर सर्च की जा सकती है।
सीईओ ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों से अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 11733 बूथ के सापेक्ष 4155 बीएलए ही नियुक्त हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी जनपदों में जिलाधिकारी, ईआरओ और बीएलओ को मतदाताओं के बीच अपनी पहुंच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सीईओ ने बताया कि जनपद एवं ईआरओ स्तर पर एक हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है ताकि मतदाताओं को आसानी से मदद मिल सके।
इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रकाश चंद्र, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री मस्तु दास मौजूद रहे।





