आपातकाल पर प्रस्ताव पेश करना लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का सराहनीय कदम : प्रवीन खंडेलवाल

Presenting the proposal on emergency is a commendable step by Lok Sabha Speaker Om Birla - Praveen Khandelwal

दीपक कुमार त्यागी

सांसद प्रवीन खंडेलवाल का परिवार आपातकाल के दौरान झेल चुका है बड़ी तकलीफें।

दिल्ली : देश का दिल राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल पर प्रस्ताव पेश करने की सराहना करते हुए कहा कि आपातकाल का काला काल भारतीय लोकतंत्र का वीभत्स इतिहास है । यहां आपको बता दें कि प्रवीन खंडेलवाल का परिवार आपातकाल के दौरान बड़ी तकलीफें झेल चुका है।

प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह पहल हमारे राष्ट्र की लोकतांत्रिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय को स्वीकारने और उस पर विचार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्ष 1975 से वर्ष 1977 तक लगाया गया आपातकाल वह समय था जब हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का निर्ममतापूर्वक गला घोंटा गया था। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस अवधि को याद रखें और इससे सीख लें ताकि लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता का ऐसा उल्लंघन फिर कभी न हो।

प्रवीन खंडेलवाल ने आगे कहा कि अध्यक्ष ओम बिरला का प्रस्ताव हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों की रक्षा के महत्व की एक शक्तिशाली याद दिलाता है। इस अवधि को स्मरण कर, हम न केवल उन लोगों के साहस और दृढ़ता का सम्मान करते हैं जिन्होंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करते हैं।

प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह प्रस्ताव हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है कि हम हर नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और उन्हें बनाए रखेंगे। ऐसे कदमों के माध्यम से ही हम अपने लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपातकाल के दौरान किए गए बलिदान कभी भूले नहीं जाएंगे।