- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिया भाजपानीत एनडीए सरकार को शपथ ग्रहण का न्योता
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार शाम को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से की गई भेंट के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने पीएम मोदी को एनडीए सरकार का नेतृत्व करने और प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का न्योता दिया है। रविवार 9 जून को शाम सवा सात बजे मोदी सरकार का शपथ ग्रहण होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपनी तीसरी पारी की शुरुआत कर एक नया इतिहास रचेंगे।आज से 62 वर्ष पहले 1962 के बाद यानी छह दशकों के बाद देश के राजनीतिक इतिहास में यह पहला ऐतिहासिक अवसर होगा जबकि कोई प्रधानमंत्री किसी बहुमत वाले गठबंधन का नेतृत्व करते हुए लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेगा। इससे पहले आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक करीब 17 वर्षों तक लगातार देश के प्रधानमंत्री रहने का गौरव हासिल किया है। उन्होंने लगातार चार बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली जिनमें पहली बार 15 अगस्त 1947 की अर्द्ध रात्री को ले गई शपथ भी शामिल है। उनकी पुत्री इंदिरा गांधी भी तीन बार देश की प्रधानमंत्री रही लेकिन इस मध्य एक बार 1977 में उन्हे शासन से पदच्युत होना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंडित नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार शपथ लेने वाले देश के पहले गैर कांग्रेसी निर्वाचित प्रधान मंत्री होंगे। उनके नाम एक और अनूठा रिकार्ड भी रचा जाएगा जिसके अनुसार चार बार लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद 2014 से अब तक वे तीसरी बार प्रधान मंत्री की शपथ लेकर लगातार सत्ता पर काबिज रहने का एक नायाब रिकार्ड भी बनायेंगे।
शुक्रवार को सुबह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पुरानी संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में हुई एनडीए संसदीय दल की पहली संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल,एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता पद पर सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। मोदी के नेता चुने जाने के बाद एनडीए के एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू से मुलाकात की और केन्द्र में सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति से भेंट करने गये डेलिगेशन में केन्द्रीय रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह, गृह मन्त्री अमित शाह, बिहार के मुख्य मन्त्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आदि नेता शामिल थे। उन्होंने राष्ट्रपति मूर्मू को एनडीए सांसदों के समर्थन पत्र भी दिए एवं प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके पहले सुबह नई दिल्ली में पुरानी संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष जिसे संविधान भवन भी कहा जाता है का दृश्य देखने लायक़ था जहां 18वीं लोकसभा के लिए भाजपा सहित एनडीए के नवनिर्वाचित सांसद और नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल,एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता पद पर सर्वसम्मति से नेता चुनने के लिए एकत्रित हुए थे। इस ऐतिहासिक भवन में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (एनडीए) के नेताओं की अटूट एकता का रोचक दृश्य देखने को मिला। एनडीए के एक नेता ने अपने भाषण में इस बात को इंगित करते हुए कहा कि हमारी यह एकता फेविकोल के जोड़ से भी मजबूत है।
संसदीय बोर्ड की इस बैठक में भाजपा सहित एनडीए के सभी 293 सांसद, राज्यसभा के सांसद और भाजपा एवं एनडीए के वरिष्ठ नेता राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमन्त्री मौजूद रहें। एन डी ए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमन्त्री मोदी भाजपा के वरिष्ठतम नेता पूर्व उप प्रधान मन्त्री लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से भी उनके निवासों पर मिले तथा उनका आशीर्वाद लिया।
एनडीए की पहली संयुक्त बैठक में भाग लेने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योही पुरानी संसद के केन्द्रीय कक्ष में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा,संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ प्रवेश किया तो भारी करतल ध्वनि और मोदी-मोदी के नारे के साथ केन्द्रीय कक्ष गूँज उठा। प्रधानमन्त्री मोदी ने सबसे पहले केन्द्रीय कक्ष में रखी संविधान की प्रति को झुक कर प्रणाम किया और उसे उठा कर अपने सिर पर लगाया।
इसके बाद सर्व प्रथम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता के साथ मोदी का भावभीना स्वागत किया । उसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा,जिसका केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समर्थन किया और नितिन गडकरी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। जेडीएस अध्यक्ष कुमार स्वामी ने प्रस्ताव का समर्थन किया। बाद में सभी एनडीए समर्थक दलों ने उसका एक स्वर में ज़ोरदार ढंग से समर्थन किया। जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने बहुत ही रोचक ढंग से टीडीपी नेता और आन्ध्रप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रभावशाली ढंग से अपना भाषण दिया। उनके अलावा एनडीए सहयोगी दलों के नेताओं चिराग पासवान आदि ने बारी बारी से मोदी के समर्थन में अपने विचार प्रकट किए। बैठक का संचालन केंद्रीय मंत्री और अलवर से नव निर्वाचित सांसद भूपेन्द्र यादव ने किया।
इस मौक़े पर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया और उन्हें शॉल ओढ़ायी। साथ ही तिरूपति बालाजी भगवान की एक तस्वीर भी भेंट की। इस दौरान भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी क़तारबद्ध होकर मोदी के पास आए और उनका अभिवादन किया।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार नरेन्द्र मोदी की पहली गठबंधन सरकार में एनडीए के साथी दलों को शामिल करने के लिए चार सांसदों पर एक मंत्री का फार्मूला तय किया गया है। इसके अनुसार चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को 16 सांसद होने पर 4 मंत्री और नीतीश कुमार की जेडीयू को 12 सांसदों पर 3 मंत्री मिल सकते है। इसी अनुपात में अन्य साथी दलों को भी केबिनेट और राज्य मंत्री के बतौर प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यह तय बताया जा रहा है कि भाजपा गृह, रक्षा, विदेश, वित्त जैसे अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष का पद एनडीए साथी दलों को नहीं देगा। इसके अलावा सड़क परिवहन और रेल मंत्रालय जैसे मंत्रालय देने पर भी सौ बार विचार करेगा।
यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार आम चुनाव में विजय हासिल करने वाले मोदी मंत्रिपरिषद के अपने सभी विजेता केंद्रीय मंत्रियों को यथा संभव पुनः मौका देगा लेकिन सहयोगी दलों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राजस्थान,उत्तर प्रदेश हरियाणा जैसे प्रदेशों जहां भाजपा का प्रदर्शन आशानुरूप नही रहा वहां से कुछ कटौती कर सकता है। चर्चा है कि वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शिरोमणि अकाली दल जैसे अपने पुराने सहयोगियों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल होने की पेशकश कर सकता है। साथ ही अमेठी से चुनाव हारी अपनी फायर ब्रिगेड मंत्री स्मृति ईरानी और राजीव चंद्र शेखर जैसे मंत्रियों को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर दिया जा सकता है। राजस्थान से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के कयास भी लगाए जा रहे है। इनके अलावा राजनीतिक हलकों में वर्तमान मंत्रियों में भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल,अश्विनी वैष्णव आदि को रिपीट करने के अलावा कुछ नए चेहरों के रुप में एक जाट सांसद और एक मूल ओबीसी सांसद तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र पांचवी बार के सांसद बने दुष्यंत सिंह को भी मोदी मंत्री परिषद में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं।
हालांकि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से भेट के बाद प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि, ‘राष्ट्रपति ने मुझे अगली सरकार बनाने का न्योता दिया हैं, उन्हें सूचित कर दिया है कि शपथ ग्रहण समारोह रविवार को हो सकता है। शपथग्रहण से पहले राष्ट्रपति मुर्मू को मंत्रियों की सूची सौंपूंगा.’ इस लिहाज से मोदी 3.0 की कैबिनेट में कई नए चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। इसमें गठबंधन के घटक दलों को भी कैबिनेट में बड़े मंत्रालय और राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार एवं राज्य मंत्री की हैसियत मिल सकती हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मोदी 03 मंत्रिपरिषद में एनडीए के घटक दलों के किन किन साथियों को शामिल करेंगे?